जुबली न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान कमीशन का गठन किया है। ये कमीशन दो महीने में एनकाउंटर की जांच पूरी कर कोर्ट में पेश करेगा। वहीं एनकाउंटर की जांच कर रही कमेटी की अध्यक्षता अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान करेंगे। इस कमेटी में उनके साथ पूर्व डीजीपी के। एल गुप्ता भी शामिल होंगे।
शीर्ष न्यायालय ने यूपी सरकार से कहा कि दुबे मामले से निपटने वाले अधिकारियों की भूमिका और निष्क्रियता की जांच करें। इस बात की भी जांच हो कि जमानत रद्द करने के क्या प्रयास किए गए थे। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने विकास दुबे मामले की जांच कर रहे यूपी सरकार के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। प्रधान न्यायाधीश ने यूपी सरकार से कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि ऐसी घटना दोबारा ना हो।
बता दें कि आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता न कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान को कमेटी में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि चौहान ने कमेटी में शामिल होने पर सहमति भी जताई है। इस दौरान मेहता ने पूर्व DGP केएल गुप्ता का नाम भी कोर्ट को सुझाया था।
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वहीं याचिकाकर्ता अनूप अवस्थी ने पूर्व हाई कोर्ट जज शशिकांत अग्रवाल कमेटी में शामिल ना करने पर आपत्ति जताई है। जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा, ‘मैंने भी जस्टिस चौहान के साथ कई मामलों की सुनवाई की है, मैंने भी उसके नाम का सुझाव दिया होता’। इस पर याचिककर्ता ने कहा कि मुझे न्यायाधीश चौहान पर पूरा भरोसा है, लेकिन अभी चुने गए हाई कोर्ट जज की बदले अलग किसी दूसरे हाई कोर्ट के जज को कमेटी में शामिल किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य द्वारा बनाई गई कमेटी को किसी भी कीमत पर मामले की जांच में शामिल नहीं होने देना चहिए। इस पर CJI ने कहा, ‘हमने तेलंगाना एनकाउंटर मामले में यही किया था। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने कहा कि पुलिस ने अब तक मामले में 6 एनकाउंटर किया, मामले में पुलिस के खिलाफ भी FIR दर्ज कर जांच की जानी चहिए। उन्होंने कहा कि विकास दुबे के एनकाउंटर का आदेश सीधे मुख्यमंत्री ने दिया था, इसकी भी जांच की जानी चाहिए।
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