जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. विकास दुबे मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस बात पर जवाब तलब किया है कि इतने मामलों में वांछित अपराधी आखिर ज़मानत पर रिहा कैसे हो गया? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकारते हुए कहा है कि इस मामले में सभी आदेशों की सटीक रिपोर्ट हमें दें क्योंकि यह सिस्टम का फेल्योर है कि इतना बड़ा अपराधी जेल से ज़मानत पर बाहर निकल गया और इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया.
सुप्रीम कोर्ट में पुलिस का पक्ष रखते हुए एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा कि विकास दुबे मुठभेड़ मामला तेलंगाना मुठभेड़ मामले से बिलकुल अलग तरह का मामला है. पुलिस की मुठभेड़ एक खूंखार अपराधी के साथ थी. इस अपराधी ने बेरहमी से पुलिसकर्मियों की हत्या की थी.
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि विकास दुबे मामले से क़ानून का शासन मज़बूत होगा और इससे पुलिस का ही मनोबल बढ़ेगा. तेलंगाना मुठभेड़ और विकास दुबे मुठभेड़ का अंतर स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना में एक महिला के बलात्कारी और हत्यारे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे और कानपुर में पुलिस के हत्यारे के साथ मुठभेड़ थी.
उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए वकील ने अदालत से कहा कि इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और रिटायर्ड डीजीपी की कमेटी बनाकर इस मामले की जांच करायेंगे.
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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस सम्बन्ध में कल तक नोटिफिकेशन पेश करने को कहा है. साथ ही मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बयानों पर भी गौर करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि आप टीम बनाइये, फिर हम यह देखेंगे कि टीम निष्पक्ष बनी है या नहीं.