जुबिली स्पेशल डेस्क
सुप्रीम कोर्ट 14 राजनीतिक दलों की याचिका पर सुनवाई को राजी हो गया है। दरअसल विपक्षी दलों ने एक याचिका दायर की थी और याचिका में कहा गया है किकेंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
इसमें आगे कहा गया है कि राजनीतिक विरोधियों को गिरफ्तार कराया जा रहा है। ऐसे में विपक्षी दल चाहते हैं कि इस मामले में जांच एजेंसियों और अदालतों के लिए गिरफ्तारी और रिमांड पर गाइडलाइन बनाई जाए।
अब सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करने को तैयार है और पांच अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी। कांग्रेस समेत देश की 14 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर याचिका दायर की है।
अभिषेक सिंघवी ने सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ को जानकारी दी है कि राजनीतिक विरोधियों को गिरफ्तार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कानून लागू करने वाली एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ चौदह राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
हम भविष्य के लिए दिशा-निर्देश मांग रहे हैं। 2014 के बाद (मोदी सरकार के तहत) मामले दर्ज में भारी उछाल आया है। सजा की दर मात्र 4-5 प्रतिशत ही है। याचिका दायर करने वालों में कांग्रेस, डीएमके, आप, टीएमसी, बीआरएस जैसे दल शामिल है जबकि ये तभी संभव हो पाया जब केजरीवाल ने सभी 14 दलों को एक मंच पर लेकर आये।
बीते कुछ दिनों से कई राजनीतिक दलों पर सीबीआई से लेकी ईडी का शिकंजा कसता हुआ नजर आया है। कई मामलों में विपक्षी दलों के नेताओं का नाम सामने आने के बाद सीबीआई से लेकर ईडी ने कड़ा एक्शन लिया है।
लालू यादव से लेकर मनीष सिसोदिया पर लगातार सीबीआई और ईडी का शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में राजनीति दलों को लगता है कि मौजूदा सरकार को उनके साथ जानबूझकर ऐसा कर रही है। इस वजह से ये लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे है ताकि किसी तरह की राहत पा सके।