जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के दौर में अचानक से हुई आक्सीजन की कमी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आक्सीजन की ज़रूरत और वितरण के लिए नेशनल टास्क फ़ोर्स का गठन का दिया है. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि इस टास्क फ़ोर्स के ज़रिये आक्सीजन की समस्या का समाधान खोजने में मदद मिलेगी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई इस टास्क फ़ोर्स में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. भबतोश विश्वास, क्रिश्चयन मेडिकल कालेज वेल्लोर के प्रोफ़ेसर डॉ. गगन दीप कांग और इसी कालेज के निदेशक डॉ. जे.वी. पीटर, मेदान्ता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन, सर गंगा राम अस्पताल दिल्ली के प्रबन्धन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र सिंह और इसी अस्पताल के डॉ. सौमित्र रावत, नारायण हेल्थकेयर बेंगलुरु के निदेशक डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी और फोर्टिस अस्पताल मुलुंड के निदेशक डॉ. राहुल पंडित को शामिल किया गया है.
इस टास्क फ़ोर्स में इंस्टीट्यूट ऑफ़ लीवर एंड बिलिरी साइंस के निदेशक डॉ. शिवकुमार, ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉ. ज़रीर एफ. उदवदिया तथा सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण भारत सरकार को भी शामिल किया गया है.
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यह टास्क फ़ोर्स एक हफ्ते में अपना काम शुरू कर देगी और यह सरकार को बतायेगी कि कहाँ कितनी आक्सीजन देनी है. इसके अलावा राज्यों को आक्सीजन आवंटित करने के लिए एक ऑडिट कमेटी भी बनाई गई है. इसमें एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, मैक्स अस्पताल के डॉ. संदीप बुधिराजा और दो आईएएस अधिकारियों को शामिल किया गया है.