जुबिली न्यूज डेस्क
सरकारों की ओर से मुफ्त में दी जाने वाली सुविधाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने फ्रीबीज की घोषणाओं करने की प्रथा की आलोचना की है. कोर्ट ने कहा कि लोग काम करने के इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि उन्हें मुफ्त राशन और पैसा मिल रहा है.
मामले की सुनवाई 6 हफ्ते तक स्थगित
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जिसके तहत शहरी क्षेत्रों में बेघरों के लिए आश्रय की व्यवस्था समेत विभिन्न मुद्दों का समाधान किया जाएगा. पीठ ने अटॉर्नी जनरल को केंद्र सरकार से यह पूछने का निर्देश दिया कि शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन कितने समय में लागू किया जाएगा. शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी.
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वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन ढींगरा द्वारा बीजेपी, आप और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव में मतदाताओं को कैश वितरित करने के उनके वादों पर दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा कृत्य भ्रष्ट आचरण में आता है. याचिका न्यायमूर्ति ढींगरा द्वारा दायर की गई थी जो सशक्त समाज संगठन के अध्यक्ष भी हैं. इसे दिल्ली विधान सभा चुनावों के मद्देनजर लाया गया था जो अब संपन्न हो गए हैं.