जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ पर लगे बैन को हटा दिया है. अब यह फिल्म पश्चिम बंगाल में रिलीज होगी. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में द केरल स्टोरी पर लगे प्रतिबंध मामले की सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बंगाल सरकार से कहा कि शक्ति का प्रयोग संयम से किया जाना चाहिए. फिल्म को एक जिले विशेष पर प्रतिबंधित किया जा सकता है लेकिन पूरे राज्य में नहीं! जनता की भावनाओं को नियंत्रित करना सरकार का विशेषाधिकार है, फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राज्य की शक्ति का प्रयोग आनुपातिक होना चाहिए. किसी भी प्रकार की असहिष्णुता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, लेकिन अभिव्यक्ति की आज़ादी का मौलिक अधिकार किसी के भी भावना के सार्वजनिक धरना प्रदर्शन के आधार पर निर्धारित नहीं किया जा सकता.
कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
भावनाओं के सार्वजनिक प्रदर्शन को नियंत्रित करना होगा, आपको यह पसंद नहीं है तो इसे मत देखो. पश्चिम बंगाल में द केरल स्टोरी फ़िल्म पर बैन लगाने के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि फिल्म के टीजर जिसमें 32000 लड़कियों को निशाना बनाए जाने वाली बात थी उसे हटा लिया गया है. केरल हाईकोर्ट ने भी फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. उस हाईकोर्ट ने भी ऑर्डर में ये बात लिखी है.
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मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कही ये बात
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप लोगों की असहिष्णुता के आधार पर फिल्म बैन करने लगे तो लोग सिर्फ कार्टून या खेल ही देख पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब पूरे देश में फिल्म चल सकती है तो पश्चिम बंगाल में क्या समस्या है. अगर किसी एक जिले में कानून व्यवस्था की समस्या है तो वहां फिल्म बैन करिए.
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सीजेआई ने कहा कि एक जिले में समस्या होगी तो सभी जगह प्रतिबंध नहीं लगाया जाता. यह जरूरी नहीं कि सभी जगह डेमोग्राफिक समस्या एक जैसी हो. उत्तर में अलग है, दक्षिण में अलग है. आप मूल अधिकार को इस तरह से छीन नहीं सकते.