पॉलिटिकल डेस्क।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ईवीएम-वीवीपीएट के औचक मिलान के संबंध में बड़ा फैसला सुनाया है। विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एससी ने लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ा दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक की बजाय पांच ईवीएम-वीवीपीएटी का औचक मिलान होगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा, ‘हर विधानसभा में ईवीएम-वीवीपीएटी मिलान की संख्या इसलिए बढ़ाई गई है ताकि सटीकता बढ़े, चुनावी प्रक्रिया सही हो और न सिर्फ राजनीतिक दल बल्कि मतदाता भी इससे संतुष्ट हो। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एक वकील की इस याचना को नहीं माना कि याचिका को लंबित रखा जाये क्योंकि 11 अप्रैल से मतदान शुरू हो रहा है।
बता दें कि विपक्ष लंबे समय से ईवीएम को लेकर सवाल उठाता रहा है। वीवीपीएटी पर्चियों के ईवीएम मशीनों के साथ मिलान की मांग को लेकर करीब 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। विपक्ष की मांग है कि एक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों की मिलान किया जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता पर आंच न आए।
Supreme Court bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi says 'increasing the VVPAT verification from one EVM per constituency to five is to ensure the greatest degree of accuracy, satisfaction in election process and not only political parties but the poor should be satisfied.' https://t.co/QFKdcs8cj1
— ANI (@ANI) April 8, 2019
वीवीपैट मशीन के विषय में जानिए
वीवीपैट मशीन ईवीएम से जुड़ी होती है। वोटर जब ईवीएम पर बटन दबाता है तो वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है। इस पर्ची में पार्टी और कैंडिडेट का नाम होता है जिसे वोट दिया गया होता है। यह पर्ची वोटर को सात सेकंड तक दिखती है और फिर वीवीपैट मशीन के एक बॉक्स में गिर जाती है।