जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. बिहार के पूर्णिया जिले से बीजेपी विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या के मामले में उम्रकैद काट रही महिला रूपम पाठक को सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन की पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है. रूपम पाठक ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए 15 दिन की पेरोल माँगी थी. विधायक राजकिशोर की हत्या चार जनवरी 2011 को उनके घर में हुई थी और रूपम पाठक को उसी वक्त उस चाकू के साथ पकड़ा गया था जिससे उसने विधायक की हत्या की थी. रूपम उसी वक्त से जेल में है.
बताया जाता है कि बीजेपी विधायक राजकिशोर केसरी ने रूपम पाठक की बेटी का यौन शोषण किया था. इस संगीन इल्जाम के बाद भी वह आराम से अपने घर में अपने समर्थकों के साथ मीटिंग कर रहे थे. मीटिंग के दौरान ही रूपम पाठक चादर ओढ़कर उनके घर पहुंची और विधायक से अकेले में बात करने को कहा. विधायक मीटिंग छोड़कर जब उससे बात करने के लिये अलग आये तो रूपम ने चादर उतारकर फेंक दी और उनके पेट में चाकू घुसेड़ दिया.
खून से लथपथ विधायक ने समर्थकों को मदद के लिए पुकारा. पेशे से शिक्षिका रूपम पाठक वहीं खड़ी रही और भागने की कोशिश भी नहीं की. विधायक को फ़ौरन अस्पताल भेजा गया. समर्थकों ने रूपम पाठक को बुरी तरह से पीटा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया. विधायक की अस्पताल में मौत के बाद रूपम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया. सीबीआई अदालत ने रूपम को उम्रकैद की सज़ा सुनाई. वह तब से जेल में ही है. सुप्रीम कोर्ट ने पेरोल मंज़ूर करने से पहले सीबीआई कोर्ट से राय माँगी तो सीबीआई कोर्ट ने कहा कि उसे अपनी बेटी का कन्यादान करना है. ऐसे में कोई कारण नहीं है कि उसे ज़मानत न दी जाए.
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