न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट के पास कश्मीर से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के लिए समय नहीं है। दरअसल मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अयोध्या मामले पर केन्द्रित हैं। इसलिए कोर्ट ने कश्मीर मामले में दायर याचिका पर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए याचिकाओं की सुनवाई को स्थगित कर दिया और उन्हें मंगलवार को संविधान पीठ द्वारा सुवाई के समक्ष भेज दिया।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सोमवार को सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि अदालत के पास समय नहीं है, क्योंकि उसे अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई करनी है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, “हमारे पास इतने मामलों को सुनने का समय नहीं है। हमारे पास सुनवाई के लिए संविधान पीठ का मामला (अयोध्या विवाद) है।”
यह भी पढ़ें : तो क्या सच में राबड़ी देवी एश्वर्या को करती हैं प्रताड़ित
मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने दलीलों का उल्लेख किया, जिसमें कश्मीर में पत्रकारों की आवाजाही पर लगाए गए कथित प्रतिबंधों के मुद्दों के साथ-साथ घाटी में नाबालिगों की अवैध हिरासत का दावा करने वाली याचिकाओं को भी अपनी पांच-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखा।
कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर में बच्चों की कथित अवैध हिरासत पर बाल अधिकार विशेषज्ञ एनाक्षी गांगुली और प्रोफेसर शांता सिन्हा द्वारा दायर जनहित याचिका को संविधान पीठ को भेज दिया है। कश्मीर पर अन्य याचिकाओं और धारा 370 को निरस्त करने के साथ मंगलवार को इस मामले को फिर से उठाया जाएगा।
यह भी पढ़ें : नार्वे के आतंकी का प्रेरणास्रोत है आरएसएस
एक अक्टूबर को कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद की याचिका पर पांच न्यायाधीशों की पीठ भी सुनवाई करेगी।
मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय में कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन द्वारा ने याचिका दायर कर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और कश्मीर में पत्रकारों की मुक्त आवाजाही के बाद कश्मीर में संचार नाकाबंदी हटाने और संविधान पीठ के समक्ष याचिका दायर करने की भी मांग की गई है।
न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार को अनुच्छेद 370 से संबंधित सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
यह भी पढ़ें : छोटे रोल वाला दमदार सितारा