जुबिली स्पेशल डेस्क
सेक्स वर्कर्स को लेकर बड़ी खबर आ रही है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्कर्स को लेकर एक बड़ा निर्देश दिया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्क को प्रोफेशन मान लिया और कहा कि पुलिस को वयस्क और सहमति से सेक्स वर्क करने वाले महिलाओं पर आपराधिक कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
देश की सबसे बड़ी अदालत ने आगे कहा है कि सेक्स वर्कर्स भी कानून के तहत गरिमा और समान सुरक्षा के हकदार हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 6 निर्देश जारी करते हुए कहा कि सेक्स वर्कर्स भी कानून के समान संरक्षण के हकदार हैं।
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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एल नागेश्वर राव, बीआर गवई और एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा है कि जब ये मालूम हो जाता है कि सेक्स वर्कर वयस्क है और अपनी मर्जी से ये काम कर रहे हैं तो वैसी स्थिति में पुलिस को उसमें हस्तक्षेप करने और आपराधिक कार्रवाई करने से बचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 6 निर्देश जारी करते हुए कहा कि सेक्स वर्कर्स भी कानून के समान संरक्षण के हकदार हैं।
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SC ने केंद्र से पैनल की सिफारिशों पर जवाब मांगा है जिन पर आपत्ति जताई गई है। “प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट” के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर, मौलिक अधिकारों के हनन का आरोप केंद्र ने पैनल की इन सिफारिशों पर आपत्ति जताई है।