Monday - 28 October 2024 - 9:12 PM

दिल्ली की नयी आबकारी नीति की सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती तो क्या बोले कानून के जानकार

जुबिली न्यूज ब्यूरो

दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार के ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स यानि मंत्री समूह की आबकारी नीति में सिफारिशों को लेकर दिल्ली लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन नाम की एक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है।

शायद ये पहली बार होगा जब आबकारी नीति आने से पहले ही सिर्फ सिफारिशों से परेशान होकर किसी ने अदालत का रुख किया हो। अमूमन लोग शीर्ष अदालत की शरण में तब जाते हैं जब किसी नीति की घोषणा हो गयी हो और उन्हें उस निति पर कोई गंभीर आपत्ति हो।

वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रदीप राय का कहना है की ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स की सिफारिशें मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करती हैं और ये रेवेनुए जनरेशन और सरकार की आमदनी बढ़ने के लिए उठाये कदम हैं।

पालिसी को चुनौती दी जा सकती है लेकिन सिर्फ तब जब पालिसी अमल में आ गयी हो। लेकिन सिर्फ मंत्री समूह की सिफारिशों को चुनौती – कोर्ट में नहीं टिक सकती।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ऑन रिकॉर्ड अश्विनी दुबे का कहना है कि जबतक किसी सिफारिश को मूल रूप देकर पालिसी या कानून नहीं बने और उसे लागू नहीं किया जाए तो मंत्री समूह कि सिफारिशों को अदालत में चैलेंज नहीं किया जा सकता है – ये प्रीमचुर (premature) है।

अधिवक्ता हरिशंकर जैन का कहना है कि साधारण तौर पर जबतक कोई पालिसी नहीं आए जाती तब तक कोर्ट जाने का तर्क नहीं बनता है। जैन का कहना है कि इस तरह कि रिट या याचिका premature है ।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में बनी एक कमिटी ने सिफारिशें तो काफी महत्वकांशी की है जिसमें तमाम बिंदुओं के अलावा दिल्ली के शराब माफिया का सिंडिकेट तोड़ने के लिए तमाम कदम उठाने की बात की गयी है। इस मंत्री समूह में दो और मंत्री सत्येंद्र जैन और कैलाश गेहलोत भी शामिल थे।

मनीष सीसोदिया के नेतृत्व में गठित समिति के सारे प्रस्तावों अगर लागू हो जाते हैं तो देश के दिल – दिल्ली में फिर घटिया शराब के ब्रांड्स का बोलबाला समाप्त हो जाएगा और शराब माफिया और सिंडिकेट अपने घटिया उत्पादों की ब्रांड पुशिंग नहीं कर पायेगा। मंत्री समूह की सिफारिशों में दिल्ली के सभी सरकारी ठेके बंद कर इन्हे प्राइवेट हाथों में देने की बात भी की गयी है।

इतना ही नहीं , नयी आबकारी निति के लिए प्रस्तावित मसौदे के मुताबिक दिल्ली सरकार को अगले वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक्साइज ड्यूटी में ढाई हज़ार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है।

बता दें कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सीसोदिया ने कुछ दिन पहले एक प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली की नयी आबकारी नीति पर मंत्री समूह की सिफारिशों को मीडिया के साथ साझा किया तो दिल्ली में फैले शराब के सिंडिकेट की मानो नींद उड़ गयी।

एक अनजाने संगठन जिसका नाम दिल्ली लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन है , उसने दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल को एक चिट्ठी लिखकर मांग की है की दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तवित आबकारी निति के मसौदे की सीबीआई जांच होनी चाहिए इस संस्था के अध्यक्ष नरेश गोयल ने उपराज्यपाल को लिखी चिट्ठी की प्रतियां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल , उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया , प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पी. के. मिश्रा और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को भी भेजी हैं ।

हैरानी की बात ये है की एक और ये चिट्ठी कहती है की दिल्ली की आबकारी नीति बनाने का अधिकार दिल्ली सरकार या मंत्रियों के समूह को नहीं है और ये अधिकार सिर्फ दिल्ली के उपराज्यपाल का है – साथ ही साथ ये भी लिखा गया है की आबकारी नीति बनाने का काम दिल्ली के आबकारी आयुक्त का है।

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कुल मिलाकर चिट्ठी से ये साफ़ नहीं होता है की दिल्ली लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन क्या कहना चाहता है और उसके मुताबिक नयी आबकारी निति बनाने की अधिकार किसे है – दिल्ली के उपराज्यपाल को या फिर दिल्ली के आबकारी आयुक्त को ? ये विरोधाभास वाकई समझ के परे है।

नरेश गोयल का आरोप है की दिल्ली सरकार ने उनके एसोसिएशन या शराब के ठेकों के मालिकों से नीति पर कोई राय नहीं ली जबकि जुबली पोस्ट के एक लाइव प्रोग्राम में नरेश गोयल खुद कबूल कर चुके हैं के उनकी राय भी ली जा चुकी है

22 फरवरी 2021 को जुबली टीवी पर एक लाइव डिबेट में नरेश गोयल ने कहा था – “मैं सरकार का आभार करना चाहता हूँ – जैसा की अमूमन दूसरे राज्यों में होता है की सरकार के मन में जो आता है थोप दिया जाता है कभी जनता या स्टैक होल्डर से नहीं पूछा जाता है – दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है – बहुत अच्छी सरकार है – उन्होने सबसे पुछा है इसका बेनिफिट दिल्लीवासियों, दिल्ली-सरकार को भी रहेगा सभी को रहेगा – और जो अपनी बात सरकार ने हमे कहने का मौका दिया है हम उनका तहेदिल से शुक्रिया अदा करते हैं।

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और अब नरेश गोयल जो 22 फरवरी को दिल्ली की आम आदमी सरकार की तारीफ करते नहीं थक रहे थे वो कह रहे हैं की सरकार हे उनकी बात तक नहीं सुनी – इस वीडियो को देखकर सच का अंदाजा आपको खुद हो जाएगा।

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