जुबिली न्यूज डेस्क
बहराइच हिंसा के आरोपियों घर पर कल तक बुलडोजर नहीं चलेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को बुधवार तक कार्रवाई ना करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस बीआर गवई ने कहा, ‘आप इस अदालत द्वारा पारित आदेशों से अवगत हैं। यदि वे इन आदेशों का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहते हैं, तो यह उनकी पसंद है।’ वैसे हमने ये कहा है कि अगर सार्वजनिक स्थल पर अतिक्रमण है तो मेरे आदेश में वो भी साफ लिखा है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के बहराइच शहर में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। हाल ही में अधिकारियों ने कुछ लोगों की इमारतों को गिराने के लिए नोटिस जारी किए थे। इनका नाम दंगों से जुड़ी एक एफआईआर में आरोपी के तौर पर दर्ज है। उनका आरोप है कि उनकी इमारतें अवैध हैं। उनमें से तीन लोगों ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह ने दलील दी। उन्होंने बेंच के सामने कहा कि यह आवेदन तीन लोगों के द्वारा दायर किया गया है। उनको तीन दिन के अंदर घर गिराने का नोटिस मिला है। राज्य सरकार ने नोटिस का जवाब देने के लिए केवल तीन दिन का समय दिया है। सिंह ने दलील दी कि याचिकाकर्ता के पिता और भाइयों ने सरेंडर कर दिया है और कथित तौर पर 17 अक्टूबर को नोटिस जारी किए गए और 18 की शाम को चिपकाए गए। उन्होंने कहा कि हमने रविवार को सुनवाई की मांग की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों पर अतिक्रमण से जुड़े मामले को छोड़कर बिना इजाजत के पूरे देश में तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है। 1 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों द्वारा गैरकानूनी बुलडोजर से की गई तोड़फोड़ को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।