जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने CAQM को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने पराली जलाने से रोकने में नाकाम अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई करने की बजाय उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल और चीफ सेक्रेट्री को भी फटकार लगाई. जस्टिस अभय ओका ने कहा, “एडवोकेट जनरल हमें बताइए कि किस अधिकारी के कहने पर आपने केंद्र से ट्रैक्टर और मशीनों के लिए फंड मांगने का झूठा बयान दिया था. हम तुरंत उस अधिकारी को अवमानना का नोटिस जारी करेंगे. चीफ सेक्रेट्री हमें बताएं कि एडवोकेट जनरल को किस अधिकारी ने निर्देश दिए थे.”
पंजाब की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जैसे ही कुछ कहने की कोशिश की तो जज नाराज हो गए. उन्होंने कहा, आप हमें कुछ अघिर कहने के लिए मजबूर न करें. राज्य सरकार की गंभीरता दिख रही है. पहले एडवोकेट जनरल ने कहा कि किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ. अब आप बता रहे हैं कि इस साल 5 केस दर्ज हुए हैं. सिर्फ 5? क्या यह संभव है? कोर्ट ने पंजाब सरकार का पिछला हलफनामा दिखाया, जिसमें लिखा था कि किसी पर मुकदमा नहीं चल रहा है.
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पराली जलाने पर मांगी डिटेल
जस्टिस ओका ने सुनवाई के दौरान कहा कि ISRO सैटेलाइट से रिपोर्ट देता है. आप उसे भी झुठला देते हैं. CAQM की वकील ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अमृतसर में 400 से ज़्यादा घटनाएं हुई हैं. जज ने इस पर कहा कि हमें बताइए हाल में कितनी घटनाएं हुई हैं? इस सवाल के जवाब में सिंघवी ने कहा कि 1510 घटनाएं पराली जलाने की हुईं हैं, इनमें 1080 में FIR दर्ज हुई है. यह सुनकर जज ने कहा कि यानी करीब 400 को आपने छोड़ दिया? सिंघवी ने कहा कि कुछ रिपोर्ट गलत निकली थीं.