स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने आखिर कार उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में दी गई पांच एकड़ जमीन को स्वीकार कर लिया है। लगभग ढाई घंटे की मैराथन मीटिंग के बाद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड जमीन लेने को तैयार हो गया है। इसके लिए बहुत जल्द वक्फ बोर्ड एक ट्रस्ट का गठन करने जा रहा है।
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इस ट्रस्ट के माध्यम से मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। इसके आलावा ट्रस्ट एक ऐसा केंद्र स्थापित करेगी जो कई सदियों की इंडो-इस्लामिक सभ्यता को प्रदर्शित करेगा। इतना ही नहीं ट्रस्ट चैरिटेबल अस्पताल और लाइब्रेरी भी बनायेगा। इस बैठक में कुल आठ सदस्यों में छह सदस्य मौजूद थे। हालांकि दो सदस्यों ने जमीन लेने को लेकर विरोध किया था।
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बैठक की अध्यक्षता सुन्नी वक्फ बोर्ड चेयरमैन जुफर फारूकी ने की। बैठक में अदनान फरूक शाह, जुनैद सिद्दीकी, सैयद अहमद अली, अबरार अहमद, जुनीद अहमद बैठक में मौजूद, जबकि अब्दुल रज्जाक खान और इमरान माबूद ने बैठक में मौजूद नहीं थे।
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यह ट्रस्ट समाज से मदद भी लेगा। बैठक यह भी तय हुआ है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड इसके लिए एक भी पैसा खर्च नहीं करेगा। हालांकि यहां पर बनने वाली मस्जिद का क्या नाम होगा अभी इसपर कोई बात नहीं हुई है। मस्जिद के साथ-साथ भारतीय तथा इस्लामिक सभ्यता के अन्वेषण एवं अध्यन एक सेंटर बनाने की योजना है।
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बैठक खत्म होने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ चैरिटेबल अस्पताल, पब्लिक लाइब्रेरी व समाज की उपयोगिता के अन्य सुविधाओं दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड बहुत जल्द ट्रस्ट गठित करेंगा जो इसके लिए काम करेगा।