जुबिली न्यूज डेस्क
भारत की एक गुमनाम आईटी कंपनी ने दुनियाभर में ग्राहकों को हैकिंग सेवाएं दी है। खबरों की माने तो इस आईटी फर्म ने सात साल के अंदर 10,000 से ज्यादा ईमेल खातों की जासूसी करने के लिए क्लाइंट्स को अपनी सेवाएं दीं।
इस कंपनी का नाम बेलट्रॉक्स इंफोटेक सर्विसेज है। इसके मालिक का नाम है सुमीत गुप्ता। यह आईटी कंपनी दिल्ली की है। सुमित गुप्ता ने यह कंपनी 2013 में बनाई थी।
कंपनी के तीन पूर्व कर्मचारियों, बाहर के शोधकर्ता और ऑनलाइन सुबूतों से पता चलता है कि बेलट्रोक्स इन्फोटेक सर्विसेज ने यूरोप में सरकारी अधिकारियों, बहामास में गैंबलिंग टाइकून, निजी इक्विटी दिग्गज केकेआर और लघु विक्रेता मडी वाटर्स सहित अमेरिका के नामी-गिरामी निवेशकों को अपना निशाना बनाया।
सूत्रों ने बताया कि सुमीत गुप्ता का काम करने का अंदाज सबसे अलग था। सुमित गुप्ता अपने कर्मचारियों से हैकिंग के लिए प्रोजेक्ट के आधार पर पैसा चुकाते थे। कर्मचारी जितनी सूचनाएं हैक करते थे, उतना ही ज्यादा उन्हें भुगतान किया जाता था।
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सुमित गुप्ता के साथ काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि हमें कभी इसकी जानकारी नहीं दी जाती थी कि किस क्लाइंट के लिए वे काम कर रहे हैं। कंपनी में काम कर चुके एक और कर्मचारी ने बताया कि हर महीने विदेश की 4-5 कंपनियां बेलट्रोक्स की सेवाएं लेती थीं।
गुप्ता अपनी टीम को काफी छोटा रखता था। गुप्ता की टीम में कर्मचारियों की संख्या 15 के आसपास रहती थी। फिशिंग मेल भेजना और सर्वर को निशाना बनाना कर्मचारियों का काम था. कंपनी डार्क वेब पर भी सक्रिय थी। कंपनी ने कभी गूगल जैसे सर्च इंजन का इस्तेमाल नहीं किया। रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, बेलट्रॉक्स को वित्त वर्ष 2019 में काफी नुकसान हुआ। कंपनी का रेवेन्यू 1 करोड़ 8 हजार से घटकर 45 लाख 4 हजार रुपये पर आ गया।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट ने मंगलवार को कहा कि गुप्ता को 2015 में अमेरिका में एक हैकिंग मामले में आरोपित किया गया था। हालांकि, अब तक, भारत में गुप्ता के खिलाफ कोई भी मामले दर्ज नहीं हैं।
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इस मामले से जुड़े पांच लोगों ने समाचार एजेंसी रायटर को बताया कि अमेरिकी लोगों की हैकिंग की संभावना के पहलुओं की अमेरिकी कानून प्रवर्तन द्वारा जांच की जा रही है। अमेरिकी न्याय विभाग ने फिलहाल इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है। रायटर बेलट्रॉक्स के ग्राहकों को नहीं पहचानता। टेलीफोन पर लिए इंटरव्यू में कंपनी के मालिक सुमित गुप्ता ने अपने क्लाइंट के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया, साथ ही ये भी कहा कि उन्होंने कोई भी गलत काम नहीं किया है।
मडी वाटर्स के संस्थापक कार्सन ब्लॉक ने कहा कि वह ‘निराश थे, लेकिन उन्हें ये जानकर हैरानी नहीं हुई कि उन्हें बेलट्रॉक्स के एक ग्राहक ने हैकिंग का निशाना बनाया है।’
हैकर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले संसाधनों की मैपिंग में पिछले दो साल से जुटे इंटरनेट वॉचडॉग ग्रुप सिटीजन लैब के शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि उन्हें यकीन था कि बेलट्रॉक्स कर्मचारी जासूसी कर रहे थे।
सिटीजन लैब के शोधकर्ता जॉन स्कॉट-रेलटन ने कहा कि- ‘यह सामने आए अब तक के सबसे बड़े spy-for-hire अभियान में से एक है।’
रायटर ने डेटा की समीक्षा में पाया कि उसमें ऐसे हजारों मैसेज थे जिससे पीड़ित भ्रमित होकर अपना पासवर्ड बता देते हैं। ये मैसेज BellTroX ने उन्हें 2013 और 2020 के के बीच भेजे थे। डेटा प्रभावी रूप से दिखा रहा है कि, किसे और कब निशाना बनाया गया था।