जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने सोमवार को फांसी लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। उनका शव प्रयागराज स्थित बागंभरी मठ में शाल से बनाए फंदे से लटका हुआ मिला।
इसके बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की आत्महत्या के बाद लखनऊ से लेकर अयोध्या तक शोक की लहर दौड़ गई है। दबंग और फैसला लेने के मामले में तेजतर्रार माने जाने वाले महंत नरेन्द्र गिरी आत्महत्या भी कर सकते हैं यह सोचना भी किसी के लिए संभव नहीं था।
महंत ने अपने सुसाइड नोट में अपने शिष्य आनंद गिरी पर प्रताडि़त करने का इल्जाम लगाया तो आनंद गिरी को हरिद्वार में हिरासत में ले लिया गया।
अब इस मामले में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनका 8 पेज का सुसाइड नोट सामने आया है और इसमें कई ऐसी बाते लिखी है जो कई राजों से पर्दा उठाती नजर आ रही है।
इस सुसाइट नोट में उन्होंने आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी अद्या तिवारी, संदीप तिवारी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है।
आखिर क्या है सुसाइट नोट में
मीडिया में उनका सुसाइट नोट तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने लिखा है कि मैं महंत नरेंद्र गिरि आज आनंद गिरि के कारण बहुत विचलित हो गया।
आज हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन में आनंदगिरी मोबाइल के माध्यम से किसी छोटी महिला या लडक़ी के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा। मैं महंत नरेंद्र गिरि बदनामी के डर से कहां-कहां सफाई देता रहूंगा। मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, तो बदनामी में कैसे जी पाऊंगा। इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।
इसके बाद अगर इस सुसाइट नोट के पेज नम्बर-2 पर गौर किया जाये तो उसमें उन्होंने लिखा है कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार आनंद जी, अद्या प्रसाद तिवारी, संदीप तिवारी पुत्र अद्या प्रसाद तिवारी होंगे।
मेरा प्रयागराज के पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध है कि मेरी हत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कार्रवाई की जाए। ताकि मेरी आत्मा को शांति मिल सके।
मंहत ने पेज 2 पर लिखा कि प्रिय बलवीर मठ मंदिर की व्यवस्था का प्रयास वैसे ही करना, जैसे मैंने किया है. आशुतोष गिरी, नितेश गिरि एवं मंदिर के सभी महात्मा बलवीर का सहयोग करना।
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सुसाइट नोट के एक अन्य पेज पर महंत नरेन्द्र गिरी ने लिखा है कि मैं नरेंद्र गिरी, वैसे तो, 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। सुसाइट नोट के हर पन्ने पर महंत नरेन्द्र गिरी हस्ताक्षर व डेट के साथ-साथ ऊं नमो: नारायण भी लिखा है।
महंत नरेन्द्र गिरी के शिष्य आनंद गिरी कई बार विवादों में आ चुके हैं। उन पर महिलाओं के साथ भी मारपीट का आरोप है। महंत नरेन्द्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में भी आनंद गिरी पर ही प्रताड़ित करने का आरोप लगा दिया है।