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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर विषय पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए बीजू जनता दल के मुखिया और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संविधान की प्रस्तावना में ‘शांति’ एवं ‘अहिंसा’ शब्द जोड़ने का सुझाव दिया है।
उल्लेखनीय है कि मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलायी थी। इस बैठक में ही नवीन पटनायक ने संविधान की प्रस्तावना में ‘शांति’ एवं ‘अहिंसा’ शब्द जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह देश में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने का समर्थन करते हैं।
बता दें कि प्रस्तावना संविधान के लिए एक परिचय के रूप में कार्य करती है। 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसमें संशोधन किया गया था जिसमें तीन नए शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था।
संविधान की प्रस्तावना का निर्माण भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य करने के लिए किया गया। यह भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करती है और लोगों के बीच भाई चारे को बढावा देती है।
संविधान के उद्देश्यों को प्रकट करने हेतु प्राय: उनसे पहले एक प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है। प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है इसी कारण यह ‘हम भारत के लोग’ – इस वाक्य से प्रारम्भ होती है। केहर सिंह बनाम भारत संघ के वाद में कहा गया था कि संविधान सभा भारतीय जनता का सीधा प्रतिनिधित्व नहीं करती अत: संविधान विधि की विशेष अनुकृपा प्राप्त नहीं कर सकता, परंतु न्यायालय ने इसे खारिज करते हुए संविधान को सर्वोपरि माना है जिस पर कोई प्रश्न नहीं उठाया जा सकता है।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर गठित की जाएगी समिति
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर विचार करने लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक समिति गठित करेंगे जो निश्चित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी। सर्वदलीय बैठक के बाद सिंह ने संवाददाताओें से कहा कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर एक समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह समिति निश्चित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी।