जुबिली स्पेशल डेस्क
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति प्रतिमा ढहने का मामला अब राजनीतिक रूप से चर्चा में आ गया है।
इस मामले में पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए एफआईआर में नामजद संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया है। कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि चेतन पाटिल को गुरुवार देर रात हिरासत में लिया गया और आगे की जांच के लिए सिंधुदुर्ग पुलिस भेज दिया गया है।
हालांकि इससे पहले बुधवार को कोल्हापुर निवासी चेतन ने कुछ और ही कहा था। उन्होंने दावा किया था किया था कि वो इस परियोजना के लिए संरचनात्मक सलाहकार नहीं थे।
नामजद चेतन ने कहा था कि उन्होंने राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के माध्यम से भारतीय नौसेना को मंच का डिजाइन सौंपा था, लेकिन मूर्ति से उनका कोई लेना-देना नहीं है। चेतन ने कहा कि ठाणे स्थित एक कंपनी ने मूर्ति का काम किया। मुझे केवल उस मंच पर काम करने के लिए कहा गया था, जिस पर मूर्ति खड़ी की जा रही थी। हालांकि अब उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और कड़ी पूछताछ करने की तैयारी चल रही है।
बता दें कि मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण किसी और ने नहीं बल्कि पीएम मोदी के द्वारा किया गया था।
इसका अनावरण पिछले साल यानी 4 दिसंबर नौसेना दिवस के मौके पर किया गया था लेकिन सिफ आठ महीने के बाद यानी 26 अगस्त को कैसे गिर गई इसको लेकर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष ने सरकार की आलोचना की और जमकर निशाना साधा है।
इतना ही नहीं महा विकास आघाडी (एमवीए) ने एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग तक कर डाली है। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई बड़ी जानकारी हाथ नहीं लगी है लेकिन पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।