जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में सुबह-सुबह धरती डोल उठी है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में भूकंप से धरती कांप उठी है और इस भूकंप की तीव्रता करीब 04 की मापी गई है।
भूकंप का केंद्र दिल्ली और गाजियाबाद के बीच था। जानकारी के मुताबिक जमीन से महज 5 किलोमीटर नीचे होने की वजह से कई लोगों ने काफी तेज झटके महसूस किए।
हालांकि अच्छी बात ये हैं कि किसी भी तरह का नुकसान नहीं होने की सूचना है। भूकंप के झटके नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि धरती काफी तीव्रता से हिलने के साथ-साथ कंपन भी तेज हुआ है। सोशल मीडिया पर भूकंप के कुछ वीडियो और फोटो भी सामने आई है।
दूसरी तरफ दिल्ली के ढ़ाई घंटे के बाद बिहार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई जबकि सिवान इसका केंद्र रहा। 8.02 बजे भूकंप आया। वहीं सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि दिल्लीवासियों को सुबह-सुबह हिला डाला।
EQ of M: 4.0, On: 17/02/2025 08:02:08 IST, Lat: 25.93 N, Long: 84.42 E, Depth: 10 Km, Location: Siwan, Bihar.
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भूकंप के कारण
टेक्टोनिक प्लेटों का टकराव – पृथ्वी की सतह कई टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है। जब ये प्लेटें आपस में टकराती या खिसकती हैं, तो भूकंप आता है।
ज्वालामुखी विस्फोट – जब कोई ज्वालामुखी फटता है, तो इसके कारण भी कंपन उत्पन्न होता है।
खनन या परमाणु विस्फोट – भूमिगत खनन या बड़े विस्फोटक परीक्षणों से भी भूकंप आ सकता है।
भूकंप की तीव्रता और माप
रिक्टर स्केल (Richter Scale) – भूकंप की तीव्रता मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
3.0 से कम – बहुत हल्का, महसूस नहीं होता।
4.0-5.0 – हल्का कंपन, लेकिन नुकसान नहीं।
6.0-7.0 – मध्यम से गंभीर, इमारतों को नुकसान।
7.0 से ऊपर – बहुत शक्तिशाली, बड़ी तबाही ला सकता है।
मर्कली स्केल (Mercalli Scale) – इससे भूकंप के प्रभाव और तबाही के स्तर को मापा जाता है।
भूकंप से बचाव के उपाय
- मजबूत निर्माण – भूकंप-रोधी इमारतें बनाएं।
भूकंप के दौरान – किसी मजबूत टेबल या दीवार के पास बैठें और खुद को बचाएं।
खुली जगह पर जाएं – अगर संभव हो तो खुले मैदान में जाएं, जहां इमारतें या पेड़ गिरने का खतरा न हो।
आपातकालीन किट रखें – पानी, दवाइयां, टॉर्च, रेडियो और जरूरी सामान तैयार रखें। - भारत में भूकंप प्रभावित क्षेत्र
- भारत को भूकंपीय जोन 1 से 5 में विभाजित किया गया है, जिसमें जोन 5 सबसे खतरनाक है।
- जोखिम वाले राज्य: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, असम, सिक्किम, मणिपुर, नागालैंड, गुजरात, महाराष्ट्र और अंडमान-निकोबार।