जुबिली न्यूज डेस्क
नेपाल में सोमवार को राष्ट्रीय स्तर पर प्रजातंत्र दिवस और नेपाली कांग्रेस महासमिति दिवस मनाया जाएगा। इस बीच नेपाली कांग्रेस के लगभग 22 सदस्य नेपाल में एक बार फिर हिंदू राष्ट्र की बहाली को लेकर विचार कर रहे हैं, जिसे अन्य सदस्य अपने एजेंडे में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं।
बता दे कि रिपोर्ट में कहा गया, ‘महासमिति दिवस की बैठक गोदावरी, ललितपुर में आयोजित की जाएगी। हिंदू राष्ट्र की बहाली का प्रस्ताव 22 सदस्यों ने रखा है और एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि पार्टी (नेपाली कांग्रेस) की केंद्रीय कार्य समिति ने इसे स्वीकार नहीं किया है।’
एक रिपोर्ट में सूत्र का हवाला देते हुए कहा गया, ‘चूंकि नेपाल के 81 फीसदी नागरिक हिंदू हैं। पीएम से लेकर राष्ट्रपति ने हाल में संपन्न बसंत पंचमी समारोह समेत सभी अनुष्ठानों में भाग लिया है, इसलिए हिंदू राज्य की बहाली की आवाज जोर पकड़ रही है।’ सोमवार को हिंदू राष्ट्र की बहाली का समर्थन करने वाले सदस्य चर्चा करने पर विचार कर रहे हैं। वह इसे ‘वैदिक सनातन हिंदू राष्ट्र’ कहते हैं। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा हैं।
2008 में राजशाही का अंत
नेपाल 28 मई 2008 को आधिकारिक तौर पर एक गणतंत्र बना था। तब नेपाल की संविधान सभा की पहली मीटिंग हुई थी, जिसके बाद शाह राजाओं की 240 साल से चली आ रही राजशाही का अंत हुआ था। भले ही नेपाल एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, लेकिन उसे अपने हिंदू वंश पर गर्व है। माना जा रहा है कि वर्तमान में नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल और राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल भी हिंदू राष्ट्र पर बहस चाहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक सभी राजनीतिक दल इसके समर्थन में थीं।
नेपाल में बढ़ी हिंदू राष्ट्र की मांग
कानून के मुताबिक महासमिति की मीटिंग हर साल बुलाई जानी चाहिए, लेकिन कई कारणों से दिसंबर 2021 में 14वें आम सम्मेलन के बाद से इसे स्थगित कर दिया गया है। नवंबर 2023 में हिंदू राष्ट्र को लेकर नेपाल में प्रदर्शन हुआ था। काठमांडू पोस्ट में एक लेख के मुताबिक पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की ओर जनता के रुझान बढ़ रहा है। यही कारण है कि कई दल भी अब हिंदू राष्ट्र को समर्थन देते हैं, ताकि उन्हें वोटों का फायदा मिल सके।