जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. पुराने लखनऊ के मुसाहबगंज क्षेत्र में आवारा कुत्तों ने दो मासूम बच्चो को बुरी तरह से नोच डाला. स्थानीय लोगों ने बुरी तरह से घायल बच्चो को अस्पताल पहुंचाया लेकिन इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई और दूसरा बच्चा ट्रामा सेंटर में गंभीर हालत में भर्ती है.
ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में पिछले काफी समय से सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक है. नगर निगम का इस दिशा में कोई ध्यान ही नहीं है. इस इलाके में रहने वाले दो मासूम बच्चे मोहम्मद रज़ा और उसकी बहन जन्नत फातिमा पर आवारा कुत्तों ने अचानक से हमला बोल दिया.
कुत्तों के हमले से घबराए बच्चो ने शोर मचाया लेकिन कुत्तों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि स्थानीय लोगों को भी बच्चो को बचाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन लोगों ने नगर निगम के क्षेत्रीय कार्यालय में कई बार इस सम्बन्ध में शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन नगर निगम ने कोई एक्शन नहीं लिया. उसी का नतीजा दो मासूम बच्चो को भुगतना पड़ा.
स्थानीय लोग कुत्तों से छुड़ाकर बच्चो को ट्रामा सेंटर ले गए. इलाज के दौरान मोहम्मद रज़ा ने दम तोड़ दिया जबकि जन्नत फातिमा की हालत चिंताजनक बनी हुई है. बच्चे की मौत के बाद नाराज़ लोगों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने कई घंटे लोगों को समझाकर रास्ता खुलवाया.
मुसाहबगंज, मुफ्तीगंज और हुसैनाबाद इलाके में हर वक्त आवारा कुत्ते सड़क पर नज़र आते हैं. यह कुत्ते आये दिन बच्चो पर हमला करते रहते हैं. आवारा कुत्तों के हमले से बच्चे की मौत का यह पहला मामला है लेकिन हमले तो आये दिन होते रहते हैं. छह अप्रैल को मुफ्तीगंज में बेल वाले टीले के पास एक बच्चे पर आवारा कुत्तों ने हमला किया.
यह बच्चा शाम चार बजे अपने घर के सामने वाली दुकान से चिप्स या चाकलेट खरीदकर वापस जा रहा था कि इसी बीच कुत्तों ने उस पर हमला बोल दिया. कुत्तों ने उसके पैर में काटा है. इसी गली में चार दिन पहले मुस्तफा नाम के बच्चे पर कुत्तों ने हमला बोला था. मुस्तफा को कुत्ता काटने के बाद लगने वाले इंजेक्शन लग रहे हैं.
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