जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. देश के सुपरिचित कथाकार शिवमूर्ति को इस साल के प्रतिष्ठित श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान-2021 से सम्मानित किया जायेगा. कथाक्रम सम्मान, सृजन सम्मान, लमही सम्मान, अवध भारती सम्मान और हंस पुरस्कार से सम्मानित हो चुके शिवमूर्ति की कहानी कसाईबाड़ा का नाट्यमंचन हुआ और इसके देश में करीब पांच हज़ार शो किये गए. उनकी कहानी तिरिया चरित्तर पर बासु चटर्जी ने फीचर फिल्म बनाई थी. इस सम्मान के लिए शिवमूर्ति को ग्यारह लाख रुपये प्रतीक चिन्ह और प्रशस्तिपत्र दिया जायेगा.
शिवमूर्ति ने कसाईबाड़ा के अलावा अकाल दंड, तिरिया चरित्तर, आख़िरी छलांग, केसर कस्तूरी (कहानी संग्रह) और त्रिशूल व तर्पण (उपन्यास) जैसी रचनाओं के ज़रिये भारतीय साहित्य जगत को समृद्ध करने का काम किया है. शिवमूर्ति ने अपने लेखन के ज़रिये सामन्ती व्यवस्था और स्त्री की मनोदशा का बहुत शानदार चित्रण किया है.
यह सम्मान राग दरबारी जैसी कालजयी रचना लिखने वाले साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में साल 2011 में शुरू किया गया था. हर साल 31 जनवरी को यह सम्मान ऐसे साहित्यकार को दिया जाता है जिसकी रचनाओं में ग्रामीण जीवन और कृषि जीवन को जीने वाले लोगों की बात हो.
साल 2011 में पहला श्रीलाल शुक्ल इफ्को साहित्य सम्मान विद्या सागर नौटियाल को दिया गया. 2012 में शेखर जोशी, 2013 में संजीव, 2014 में मिथिलेश्वर, 2015 में अष्टभुजा शुक्ल, 2016 में कमलाकांत त्रिपाठी, 2017 में रामदेव धुरंधर, 2018 में रामधारी सिंह दिवाकर को इस सम्मान से सम्मानित किया गया.
इफ्को के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी और राजकमल प्रकाशन ने शिवमूर्ति को इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए बधाई दी है.
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