प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. रमजान के दौरान गाजीपुर की मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अज़ान रोके जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है. सरकार ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए 3 दिन कि मोहलत माँगी है. अब सरकार 4 मई को अदालत में बताएगी कि ऐसा फैसला क्यों लिया गया.
उल्लेखनीय है कि गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी चिट्ठी में बताया था कि उनके संसदीय क्षेत्र में रमजान के दौरान मस्जिदों से लाउडस्पीकर पर अज़ान पर पाबंदी लगा दी गई है. अफजाल अंसारी के पत्र का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए इस मामले को सुनवाई के लिए मंज़ूर कर लिया.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोविन्द माथुर ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से मामले की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार का जवाब तलब किया. यूपी सरकार ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय मांगा जिसे अदालत ने मंज़ूर कर लिया. अब 4 मई को सरकार अदालत को बताएगी कि आखिर रमजान के दौरान लाउडस्पीकर पर अज़ान देने पर रोक क्यों लगाई.
बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने अदालत से कहा था कि डीएम का यह आदेश मौलिक अधिकारों का हनन है. श्री अंसारी ने अदालत से कहा कि लोग कोरोना कि वजह से पहले ही परेशान हैं. सभी नागरिक लॉक डाउन का पालन करते हुए अपने घरों पर नमाज़ अदा कर रहे हैं. ऐसे में मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अज़ान रोकना मौलिक अधिकारों का हनन है. उन्होंने बताया कि डीएम कि तरफ से कहा गया है कि मस्जिद में लाउडस्पीकर पर अज़ान हुई तो एनएसए के तहत कार्रवाई कि जायेगी.