Friday - 1 November 2024 - 2:34 PM

‘अपराधियों को टिकट नहीं देने का निर्देश आयोग राजनीतिक दलों को दे’

न्‍यूज डेस्‍क

राजनीति में अपराधीकरण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे रोकने के लिए जल्दी ही कुछ करने की जरूरत पर बल दिया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से एक सप्ताह में रूपरेखा तैयार करके पेश करने को कहा है। कोर्ट ने ये निर्देश शुक्रवार को उस वक्त दिये जब चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों का आपराधिक ब्योरा प्रकाशित कराने के कोर्ट के आदेश का अपराधीकरण रुकने में असर नहीं हो रहा है। आयोग ने कहा कि कोर्ट राजनैतिक दलों को निर्देश दे कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को टिकट न दे।

न्यायमूर्ति आरएफ नारिमन व एस रविन्द्र भट्ट की पीठ ने भाजपा नेता और वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय की केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए उपरोक्त आदेश दिये। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग और याचिकाकर्ता एक साथ बैठकर एक सप्ताह के भीतर राष्ट्रहित देखते हुए राजनीति का अपराधीकरण रोकने की रूपरेखा तैयार करके लाए। कोर्ट इस मामले में अगले शुक्रवार को फिर सुनवाई करेगा।

कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि प्रत्येक उम्मीदवार नामांकन दाखिल होने के बाद तीन बार अपना आपराधिक ब्योरा अखबार में प्रकाशित कराएगा और उसका टीवी चैनल पर भी विज्ञापन देगा। अश्विनी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इसे प्रभावी ढंग से लागू करने का प्रयास नहीं किया है न ही समाचार पत्रों की और न ही टीवी चैनल की लिस्ट और प्रचार का समय तय किया है जिसमें उम्मीदवार को ब्योरा प्रकाशित कराना हो। ऐसे में उम्मीदवार छोटे-छोटे स्थानीय अखबार में ब्योरा प्रकाशित करा देते हैं और टीवी चैनल पर भी देर रात प्रचार किया जाता है।

सरकार के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका में है कि कोर्ट ने इस मुद्दे पर कानून बनाने को कहा था, लेकिन इस पर कानून नहीं बनाया गया। सरकार का कहना है कि कोर्ट ने उसे कानून बनाने का कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया था।

राजनीतिक का अपराधीकरण बढ़ रहा

शुक्रवार को मामले पर सुनवाई के दौरान उपाध्याय की ओर से पेश गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि यह ठीक है कि कोर्ट संसद को कानून बनाने का आदेश नहीं दे सकता, लेकिन राजनीतिक का अपराधीकरण बढ़ रहा है। 2014 में दागी सांसदों की संख्या 34 फीसद थी जो कि 2019 में बढ़कर 46 फीसद हो गई है।

कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा कि वह राजनैतिक दलों पर दबाव डालें कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि के नेताओं को टिकट न दे। ऐसा होने पर आयोग राजनैतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करे। तभी चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि आयोग ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए नामांकन संबंधी फार्म में जरूरी बदलाव किये हैं, लेकिन आयोग ने पाया है कि उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड का ब्योरा प्रकाशित करने के आदेश से राजनीति का अपराधीकरण रोकने में मदद नहीं मिल रही है।

सिंह ने कहा कि कोर्ट राजनैतिक दलों को आदेश दे कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को टिकट न दें। इन दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मामला है। राष्ट्रहित में जल्दी ही इस पर कुछ किये जाने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि आयोग और याचिकाकर्ता एक साथ बैठकर राजनीतिक का अपराधीकरण रोकने के प्रभावी उपाय और रूपरेखा तैयार करें। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रहित में ये जल्दी ही होना चाहिए इसे विपरीत कानूनी कार्रवाई नहीं माना जाना चाहिए।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com