न्यूज डेस्क
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने के बाद से वहां के हालात पर अफवाहों का बाजार गर्म है। वहां से तरह-तरह की भ्रामक खबरें आ रही है। घाटी में अशांति हैं ऐसी खबरों से सोशल मीडिया अटा पड़ा है। ऐसा बताया जा रहा है कि वहां के लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और सुरक्षा बल उन पर फायरिंग। फिलहाल गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर वहां के हालात पर अपना पक्ष रखा है।
गृह मंत्रालय ने भी माना है कि 9 अगस्त को श्रीनगर के बाहर ‘शरारती तत्वों’ ने अशांति पैदा करने के लिए सुरक्षाबलों पर अकारण पथराव किया था, लेकिन इन अराजक तत्वों पर गोलिया नहीं चलाई गईं।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने के बाद लोगों की गतिविधियों और संचार सेवाओं पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बीच श्रीनगर के सौरा में यह घटना हुई थी।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने 13 अगस्त को ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘श्रीनगर के सौरा क्षेत्र में एक उक्त घटना पर मीडिया में खबरें दिखाई गईं। शरारती तत्व एक स्थानीय मस्जिद से नमाज पढ़कर घर लौट रहे लोगों की भीड़ में शामिल हो गए। उन्होंने व्यापक अशांति पैदा करने के लिए बिना किसी उकसावे के कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर पथराव किया।’
Law enforcement authorities showed restraint and tried to maintain law & order situation. It is reiterated that no bullets have been fired in #JammuAndKashmir since the development related to #Article370@diprjk @JmuKmrPolice
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) August 13, 2019
उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन प्राधिकारियों ने संयम बरता और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की। प्रवक्ता ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि, ‘यह दोहराया जाता है कि अनुच्छेद 370 संबंधी घटनाक्रम के बाद से जम्मू-कश्मीर में कोई गोलीबारी नहीं की गई।’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्रदत्त विशेष राज्य का दर्जा हटा दिया और उसे जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।
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मालूम हो कि रॉयटर्स, बीबीसी, अल जजीरा और द वाशिंगटन पोस्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने भारी सुरक्षा के बीच 9 अगस्त को दोपहर में कश्मीर में विरोध प्रदर्शन पर रिपोर्ट की थी। बीबीसी ने एक वीडियो फुटेज जारी किया था और कहा था कि यह फुटेज उसने वहां पर बनाया है।
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रायटर के उस दावे को खारिज कर दिया था कि श्रीनगर में कम से कम 10 हजार प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए।
मंत्रालय ने 10 अगस्त को कहा था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में प्रदर्शन की छिटपुट घटनाएं हुई थीं और किसी में भी 20 से अधिक लोग शामिल नहीं थे।
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