जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। मौसम में इन दिनों हल्का-सा बदलाव हो गया है। सर्दियों की दस्तक के साथ ही दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण ने सांस फुलाना शुरू कर दिया है। पंजाब- हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से पराली जलाए जाने के मामले बढ़े हैं जिससे दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।
हालांकि दिल्ली सरकार का दावा है कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। दिल्ली विधानसभा में एक सवाल पर दिल्ली सरकार ने जवाब देते हुए बताया कि राजधानी में बीते 5 साल में एक करोड़ से ज़्यादा पौधे लगाए गए।
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ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे बनने के बाद से दिल्ली में रोजाना आने वाले 60 हजार वाहन भी कम हो गए। इसके अलावा दूसरे कदम भी उठाए गए। दिल्ली सरकार के इतने प्रयासों के बावजूद वायु प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
दिल्ली सरकार के अनुसार वन विभाग ने 20 ग्रीन एजेंसियों के साथ मिलकर 2015 से लगातार राजधानी में पौधे लगा रहा है। सरकार ने हर साल करीब 10 लाख से ज़्यादा पौधे लगाने का टारगेट रखा है।
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सरकार के मुताबिक दिल्ली में बीते 5 साल में – साल 2015- 2016 में 16.51 लाख पौधे, 2016- 2017 में 24.75 लाख, 2017- 2018 में 19.62 लाख, 2018- 2019 में 28.95 लाख और 2019- 2020 में (30.10.2019) तक 24.44 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं।
दिल्ली सरकार के मुताबिक 136 किमी लम्बा ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे चालू हो चुका है। यह एक्सप्रेसवे पलवल से लेकर कुंडली (सोनीपत) तक बनाया गया है, इसका निर्माण नेशनल हाइवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने किया है। इस एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद करीब 20 हजार ट्रक और 40 हजार कारों का लोड दिल्ली से कम हो गया है।
दरअसल अब गाजियाबाद, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर जाने के लिए दिल्ली के अंदर से वाहन होकर नहीं जाते हैं। यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से आने वाले वाहन पलवल से एक्सप्रेसवे के जरिए गुजर जाते हैं।
यहां से सीधे सोनीपत, हरियाणा में उतरते हैं। वहीं अगर वाहनों को नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, बागपत जाना होता है तो वो रास्ते में बने इंटरचेंज पर उतर जाते हैं जिससे दिल्ली में अब वाहनों की आवाजाही काफी कम हो गई है।
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