Tuesday - 29 October 2024 - 8:23 PM

STF ने उठाया बीमा के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दा

जुबिली न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने बीमा में बोनस देने, जीवन भर हेल्थ इंश्योरेंश दिलाने व कम्पनियों मे इनवेस्ट करने पर कम समय मे रूपया दोगुना करने का झांसा देकर रिटायर्ड अधिकारियों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड वकील को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि सूचना मिलने पर एसटीएफ ने चिनहट इलाके में पालीटेक्निक चौराहा से कल देर शाम रामेन्द्र कुमार मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी मूल रुप से बहराइच का रहने वाला है। लखनऊ के चिनहट इलाके के प्रेम बिहार बाग कालोनी मटियारी में रहता है और उच्च न्यायालय में वकील है।

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उन्होंने बताया कि काफी समय से बीमा मे बोनस देने, जीवन भर हेल्थ इंश्योरेंश दिलाने व कम्पनियों मे इनवेस्ट करने पर कम समय मे रूपया दोगुना करने का लालच देकर जनता से करोड़ों की ठगी करने के खिलाफ लखनऊ के गाजीपुर थाने में मामला दर्ज कराया गया था।

इस गिरोह के मास्टरमाइंड रामेन्द्र कुमार मिश्रा के सम्बन्ध में सूचनांए प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिसोदिया के पर्यवेक्षण में साइबर टीम को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया।

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प्रवक्ता ने बताया कि इस क्रम कल शाम सूचना मिलने पर लखनऊ के चिनहट इलाके में पालीटेक्निक चौराहा गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया।उन्होंने बताया कि इस गिरोह के 10 सदस्योें को पूर्व मे माह अगस्त में एसटीएफ गिरफ्तर कर चुकी है।

उन्होंने बताया कि इस गिरोह ने अवकाश प्राप्त चिकित्सा स्वाथ्य एवं परिवार कल्याण सेवाएं विभाग के अपर निदेशक डाक्टर सीबी चौरासिया निवासी इंदिरा नगर लखनऊ से लगभग 40 लाख रूपये व रिटायर्ड पुलिस उपाधीक्षक रंजीत सिंह बोरा निवासी एन डी तिवारी निवासी विकास नगर लखनऊ से 414474 रुपये बीमा में बोनस देने जीवन भर हेल्थ इंश्योरेंश दिलाने व कम्पनियों मे इनवेस्ट करने पर कम समय मे दोगुना करने का लालच देकर फर्जी कम्पनियों एलायंज ग्रीन सिटी, आरआईएल डेवलपर्स, एमडीआई ई कामर्स, मैक्स लाइफ म्युचुअल फाउंडेशन, गोल्डेन आरकिड, वेट फोलिओ सर्विस आदि के नाम पर खोले गये बैंक खातों मे जमा कराकर ठगी की गई।

गिरफ्तार राजकुमार ने बताया कि हम लोगों का एक संगठित गिरोह था। हमारे गिरोह का सदस्य वेद प्रकाश जो फर्जी नाम पते पर कम्पनी रजिस्टर्ड कराता था और कम्पनियों के नाम पर विभिन्न बैंकों मे खाता खुलवाता था।

कम्पनियों के नाम पर खोले गये बैंक खातों के एटीएम व चेक बुक हस्ताक्षरित कराकर वेद अभिनव सक्सेना को उपलब्ध करा देता था। जिसके लिए वेद ठगी से खातों मे आये हुए रूपयों का 25 प्रतिशत कमीशन लेता था। नेहा सक्सेना जो पीएनबी मेट लाइफ मे कार्यरत थी, अपने पति रितेश के साथ मिलकर इंश्योरेंश से सम्बन्धित कस्टमर का डेटा निकालकर हम लोगों द्वारा खोले गये कालसेंटरों मे उपलब्ध कराती थी।

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इस डेटा पर प्रिया, मिनाक्षी के साथ मिलकर दिल्ली, मुम्बई आफिस की इंश्योरेंश कर्मचारी बनकर राशी, श्रद्वा, अशी मलिक मोनिका आदि नाम से नाम बदल बदल कर काल करती व कराती थी। गिरोह द्वारा ज्यादातर रिटायर्ड अधिकारियों को टारगेट किया जाता था।

उन्होंने बताया कि ग्राहक को विश्वास दिलाने के लिए इश्योरेंश कर्मचारियों के साथ मिलकर प्रिया व मिनाक्षी द्वारा कम्पनी के नम्बर से कस्टमर को काल एसएमएस व व्हटसएप कराया जाता था। जब कस्टमर को विश्वास हो जाता था तो अभिनव व मिनाक्षी कस्टमर से जाकर मिलते है।

यदि कस्टमर कैश में पेमेंट नहीं करता था तब उससे पीएनबी, मैक्स सर्विसेज आदि लिख कर फर्जी कम्पनियों के बैंक खातों मे भुना लेते थे। मैक्सलाइफ म्युचुअल फाउंडेशन नाम से भी इसकी एक कम्पनी थी। जिसके खाते मे मैक्स लाइफ के नाम से लिए गए चेक पर अपने हाथ से ही म्युचुअल फाउंडेशन लिखकर चेक क्लियर करा ली जाती थी।

वेद को 25 प्रतिशत कमीशन देकर बचे रूपये को हम लोग आपस मे बराबर बराबर बांट लेते थे। इसके अतिरिक्त कस्टमर को विश्वास दिलाने के लिए मिनाक्षी और प्रिया मिलकर कूटरचित बांड व रशीदें तैयार कर लेती थी। जिससे कस्टमर का रिनिवल मिलता रहता था।

कई वर्ष तक रिनिवल जमा करने पर जब कस्टमर को बतायी गयी योजना के तहत लाभ/ बोनस नहीं मिलता था तो वह पुलिस या इंश्योरेंश कम्पनी के आफिस जाने की बात करता था, तब अभिनव व रितेश द्वारा ग्राहकों को फोन करके खुद को आईआरडीए का अधिकारी बताकर अपने पास शिकायत दर्ज करा ली जाती थी और एडवोकेट से सिविल सूट दायर करने, इसके बाद रूपया वापस दिलाने व वापस मिल रहे रूपये का जीएसटी आदि के नाम पर भी कस्टमर से 2-3 वर्ष तक ठगी की जाती थी।

इस काम में एडवोकेट सिविल सूट की प्रक्रिया के बारे मे मैं समझाता था। इसके गिरोह के लोगों को अगस्त 2020 में जब से गिरफ्तार किया गया था तब से यह अपना घर बदल कर रह रहा था और इन लोगों के मुकदमे मे पैरवी कर रहा था। गौरतलब है कि अब तक इस गिरोह द्वारा पांच वर्ष में सैकडों लोगों से करोडों की ठगी की जा चुकी है। इस गिरोह के सदस्य पूर्व मे विभिन्न इंश्योरेंश कम्पनियों मे भी कार्य कर चुके है। गिरफ्तार वकील को जेल भेज दिया।

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