- अवध विश्वविद्यालय पुरातन छात्र सभा की जनहित याचिका पर सरकार को दो सप्ताह में जवाब देने की नोटिस..
लखनऊ। हाइकोर्ट की बेंच ने डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के भूमि अधिग्रहण प्रकरण में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने याचिकाकर्ता की इस दलील कि बगैर कार्यपरिषद की सहमति के सरकार विश्वविद्यालय के जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकती है, पर सहमति व्यक्त किया है।
मालूम हो कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की लगभग 25 एकड़ जमीन व लगभग 50 करोड़ के भवन बिना एक धेला किए हुए ले लिया है।विश्वविद्यालय स्वायत्तशासी संस्था है और कार्यपरिषद इसकी सर्वोच्च निर्णायक समिति। उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के अनुसार कार्य परिषद का निर्णय ही अंतिम होता है।
यहां तक कि कुलाधिपति/ राज्यपाल भी कोई निर्णय लेते हैं तो उसके अनुपालन के लिए कार्य परिषद को इंगित किया जाता है। भूमि अधिग्रहण के प्रकरण में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार को भूमि देने से मना कर दिया था।
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने कैबिनेट में एक प्रस्ताव पास कर बिना मुआवजा दिए जमीन और भवनों का अधिग्रहण कर लिया है। राज्य सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अवध विश्वविद्यालय पुरातन छात्र सभा के अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर भूमि के बदले भूमि व भवनों के मुआवजे की मांग किया है।
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उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में योजित जनहित याचिका में कोर्ट नंबर 2 में आज सुनवाई हुई। उभय पक्षों को सुनने के उपरांत अदालत ने सभी विपक्षी पार्टियों को 2 सप्ताह में काउंटर दाखिल करने व 1 सप्ताह का समय रिवाइंडर दाखिल करने और पुनः उसके बाद पूरा सुनवाई का आदेश दिया है।