न्यूज डेस्क
देश में न्यूक्लियर फैमिली के चलन में आने की वजह से बुजुर्गों की हालत दयनीय हो गई हैं। कुछ वर्षों तक घर में बड़े-बुजुर्गोंं को उनका परिवार इज्जत और सम्मान के साथ रखता था, पर अब ऐसा नहीं है। अकेलेपन से जूझ रहे बुजुर्ग या तो वृद्धा आश्रम को अपना ठौर बना रहे हैं नहीं तो अकेले जूझ रहे हैं।
सरकार भी बुजुर्गों के हालात को लेकर चिंता जता चुकी हैं। बिहार सरकार ने तो सजा का प्रावधान कर दिया है। जिनके बेटे-बहू मां-बाप की अच्छे से देखभाल नहीं करेंगे उन्हें जेल जाना पड़ेगा। फिलहाल बुजुर्गों की समस्याओं को देखते हुए आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने बुजुर्गों की देखभाल के लिए एक खास ऐप बनाया है। यह एप किसी बुजुर्ग के गिर जाने की सूरत में उनकी देखभाल करने वालों को तत्काल इसकी सूचना देगा।
आईआईटी खड़गपुर की ओर से जारी एक बयान के अनुसार एंड्रॉयड आधारित इस ऐप का नाम है ‘केयर4यू’ और यह बुजुर्ग तथा उनकी देखभाल करने वाले को आपस में जोड़ेगा। इस ऐप को बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्रों ने बनाया है।
बुजुर्ग व्यक्ति की मनोदशा का भी पता लगाएगा ऐप
इस एप में बहुत सारे फक्शन हैं। जिस बुजुर्ग के फोन में यह ऐप इंस्टाल होगा, उनकी मनोदशा से लेकर गिरने की तक की जानकारी यह ऐप उनके परिजनों को देगा। यदि कोई बुजुर्ग गिर गए है तो ऐसी हालत यह ऐप देखरेख करने वाले को और आपात सेवाओं को अपने आप कॉल कर देगा।
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इसके अलावा ऐप उस स्थान की सटीक जानकारी देगा जहां बुजुर्ग गिरा है। इतना ही नहीं यह ऐप बुजुर्ग व्यक्ति की मनोदशा का भी पता लगाएगा। जब कोई बुजुर्ग व्यक्ति यह एप चलाएगा तो फोन उसकी तस्वीर खींचेगा और मूड इंडेक्स की गणना करेगा। इससे उनके परिजनों को पता चलेगा कि उनका पूरे दिन मूड कैसा रहा।
इसके अलावा इस ऐप में बुजुर्ग व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री भी रखी जा सकती है। इसमें ‘मेडिसिन रिमाइंडर’ नाम का एक फीचर है जो बुजुर्ग के साथ-साथ उनकी देखभाल करने वालों को याद दिलाएगा कि उनके दवा खाने का समय हो गया है।
इंटरनेट की जरूरत नहीं
इस ऐप को तैयार करने वाली टीम के एक अन्य छात्र आदि स्वदिप्तो मंडल ने बताया, ‘हमारे ऐप की सबसे खास बात है कि चैटबॉट (खुद से सूचना देना या रिप्लाई करना) के अलावा बाकी जो फंक्शन हैं, उनके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं है। किसी बुजुर्ग के गिरने की सूचना या मूड डिटेक्शन जैसे काम यह एप बिना इंटरनेट के भी करेगा।’
इस ऐप को बनाने वाली टीम में शामिल आईआईटी खडग़पुर के ‘डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग’ के छात्र कनिष्क हलदर के हवाले से बताया है कि व्यक्ति के वर्तमान मूड के बारे में पता लगाने के लिए इसे विशेष रूप से बनाया गया है।