जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। बीते कुछ सालों में पूरे विश्व में आर्थिक हालात खराब होते हुए नजर आये हैं। दरअसल कोरोना ने बीते दो सालों में कई देशों की कमर तोडक़र रख दी है।
इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि गरीब हो अमीर कोई भी कोरोना की मार से नहीं बच पाया है। धीरे-धीरे दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ रही है।
यदि अमीर देशों की बात करें तो पहले सिंगापुर फिर जापान और अब आस्ट्रेलिया मंदी की चपेट में आ गए थे जबकि पिछले तीन दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया में मंदी आया था लेकिन अब कोरोना को काबू कर लिया गया है लेकिन इसके बावजूद दुनिया के कई देश अपनी इकोनॉमी को लेकर जूझ रहे हैं। इतना ही नहीं दुनिया भर में इस वक्त मंदी की आहट महसूस की जा रही है।
इंटनेशनल रिपोट्र्स की माने तो अगले साल दुनिया के कई विकसित देशों में मंदी का कहर टूट सकता है। हालांकि भारत के लिए अच्छी बात है कि उसकी स्थिति अन्य देशों से काफी बेहतर है।
कई एक्सपर्ट भी मान रहे हैं कि भारत की इकोनॉमी बेहतर है। ऐसे में कई लोग उसकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं और भारत के आर्थिक तेज़ी की चर्चा है। इसी बीच स्पेन के अखबार ने भारत की इकोनॉमी को ग्राफ के सहारे दिखाने की कोशिश की लेकिन इस ग्राफ को लेकर जमकर विवाद देखने को मिल रहा है।
दरअसल ग्राफ में जिस फोटो का इस्तेमाल किया गया है उसको लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया जा रहा है।भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी की खबर को स्पेन के अखबार ला वैनगार्डिया ने पहले पन्ने पर जगह दी है. लिखा है, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का फिलहाल ये हाल है।’ इस आर्टिकल को एक सपेरे के व्यंग्य के साथ प्रकाशित किया गया है।
"The hour of the Indian economy," says La Vanguardia, a leading Spanish daily.
Quite cool that the world is taking notice, but the cultural caricaturing, a snake charmer to represent India, is an insult.
Wonder what it takes for this to stop; maybe global Indian products? pic.twitter.com/YY3ribZIaq— Nithin Kamath (@Nithin0dha) October 13, 2022
ज़ेरोधा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन कामथ ने इस रिपोर्ट को ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा है, ‘काफी अच्छा है कि दुनिया हमारी इकॉनमी को नोटिस कर रही है। लेकिन जिस तरह से एक ग्राफ में सपेरे को दिखाया गया है वो एक अपमान है। इसे रोकने के लिए क्या करना पड़ेगा है। शायद वैश्विक भारतीय उत्पाद?
Nothing’s an insult unless you choose to see it as one. You are over reacting. It is a tribute. The snake charmer is one of the world’s most enduring symbols of magic. La Vanguardia sees India as magical. Don’t enlarge the circle of offence takers in India. It’s already too big! https://t.co/z93SI3dbhB
— Pritish Nandy (@PritishNandy) October 14, 2022
अब सोशल मीडिया पर इसको लेकर लोगों में बहस देखने को मिल रही है और अपने तरीके से जवाब भी दे रहे हैं। वहीं प्रीतिश नंदी ने भी इस घटना पर ध्यान दिया और इस मामले पर उनका दिलचस्प रुख था, उन्होंने लिखा, ‘कुछ भी अपमान नहीं है जब तक कि आप इसे गलत नजरिए से नहीं देखते। सपेरा जादू के दुनिया के सबसे स्थायी प्रतीकों में से एक है। ला वेंगार्डिया भारत को जादुई रूप में देखता है।’