स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में अखिलेश यादव बड़ा नाम है। हालांकि मुलायम सिंह यादव यूपी के चर्चित चेहरों में से एक है लेकिन लम्बे समय से मुलायम राजनीति में उतने सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं, जितना पहले हुआ करते थे।
दूसरी ओर मुलायम के बाद अगर सपा में कोई नेता सबसे मजबूत माना जाता है तो वो सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव है। हालांकि मोदी लहर में सपा ही नहीं कई राष्टï्रीय पार्टी भी कमजोर हो गई।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही सपा में कई बदलाव देखने को मिल चुका है। दूसरी ओर सपा पहले जैसी मजबूत नजर नहीं आ रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है सपा परिवार में एकजुटता की कमी।
दरअसल शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के रिश्तों में साल 2017 में खटास आ गई थी और दोनों एक दूसरे खिलाफ नजर आने लगे थे।
इसके बाद शिवपाल ने सपा से किनारा कर 2018 अगस्त में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से नई पार्टी का गठन कर डाला था।
दूसरी ओर तकनीकी तौर शिवपाल यादव सपा के विधायक अब भी है क्योंकि न तो उन्होंने सपा छोड़ी है और न ही अखिलेश ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाला है। इसी के चलते वो उनकी विधायकी अभी तक बची हुई है और अब सपा ने उसे वापस लेने की गुहार लगाई है।
हालांकि अब उनकी वापसी की प्रबल संभावना बढ़ गई है क्योंकि सपा ने विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की याचिका को वापस लेने का फैसला किया है। इसके लिए सपा ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को पत्र लिखकर याचिका को वापस लेने की बात कही है।
सपा ने पत्र में कहा है कि आपके सम्मुख जो याचिका विचाराधीन है, उसमें पूरे प्रपत्र नहीं लगे हैं। शिवपाल यादव की सदस्यता समाप्त करने के लिए जो जरूरी प्रपत्र होते हैं, उसे हम आपके समक्ष प्रस्तुत भी नहीं कर सके हैं।
इस कारण आपको (स्पीकर) निर्णय लेने में भी असुविधा हो रही है। इसीलिए इस याचिका को वापस कर दिया जाए। ऐसे में अब कहा जा रहा है कि बहुत जल्द शिवपाल यादव दोबारा सपा में वापसी करेंगे।
हालांकि इस मामले पर अभी तक शिवपाल यादव का कोई बयान सामने नहीं आया है लेकिन उन्होंने कई मौकों पर सपा के साथ गठबंधन करने की बात कही है। कुल मिलाकर चाचा और भतीजे में चली आ रही रार शायद होली के दिन ही खत्म हो गई थी जब अखिलेश ने शिवपाल के पैर भी छुए थे। अब देखना होगा कि सच में शिवपाल यादव सपा में दोबारा वापसी करेंगे या नहीं।