जुबिली न्यूज डेस्क
सपा के शासन में मंत्री रहे फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह पर उन्नाव में दलित लड़की की हत्या करने के लगे आरोप और खेत से लाश मिलने के बाद सियासी पारा चढ़ गया है।
भाजपा और बसपा द्वारा मोर्चा खोले जाने के बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि मंत्री के बेटे का सपा से कोई लेना देना नहीं है।
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उन्होंने कहा कि फतेहबहादुर सिंह की चार साल पहले मौत हो चुकी है और उनका बेटा सपा का सदस्य नहीं है।
एक टीवी चैनल से बातचीत में अखिलेश ने कहा, ”जिस पर आरोप है, उससे सपा का कोई नाता नहीं है। पुलिस प्रशास कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। जो सपा में थे, वह चार साल पहले मर चुके हैं। उनके बेटे पर आरोप है, वह पार्टी के संगठन में, किसी पद पर, सदस्य नहीं हैं।”
अखिलेश ने यूपी पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा, ”मैं तो यह कहूंगा कि पुलिस क्यों इंतजार कर रही थी। जिस समय एफआईआर दर्ज हुई, कार्रवाई आज हुई, पुलिस सोती रही। आखिरकार यूपी पुलिस कानून-व्यवस्था को बेहतर करेगी कि नहीं करेगी। एफआईआर दर्ज होने के कितने दिनों बाद कार्रवाई हो रही है, यह जिम्मेदारी किसकी थी।”
यूपी के उन्नाव में बीते दो महीने से लापता दलित लड़की का शव गुरुवार को बरामद किया गया है। ये लड़की बीते साल आठ दिसंबर से लापता थी।
गुरुवार को उन्नाव के कब्बा खेड़ा गांव में सपा सरकार में मंत्री रहे दिवंगत नेता फतेहबहादुर सिंह की खाली पड़ी जमीन को खोदकर लड़की का शव निकाला गया।
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शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि दलित लड़की की गला घोंट कर हत्या की गई थी और उसकी गर्दन भी तोड़ी गई। इतना ही नहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर दो इंजरी के निशान भी मिले हैं।
9 दिसंबर को ही लड़की की मां ने पुलिस पर सपा के दिवंगत नेता फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह पर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। ये तहरीर अपहरण की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी।