न्यूज डेस्क
समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुराना नाम लेना भारी पड़ गया। सपा नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। सपा नेता पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है।
समाजवादी पार्टी के नेता आई पी सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर योगी आदित्यनाथ का पुराना नाम ‘अजय सिंह बिष्ट’ लिखा था। मुख्यमंत्री का पुराना नाम लिखना वाराणसी सिविल कोर्ट के वकील कमलेश चंद्र त्रिपाठी को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने दो दिसंबर को शिवपुर पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है।
आई पी सिंह पर आईटी एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक तरीके से घृणित वस्तु को प्रचारित करना) के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।
कैनटॉनमेन्ट के सर्किल ऑफिसर मोहम्मद मुश्ताक ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि ‘थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि आई पी सिंह ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। इसी के आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री का पुराना नाम लिया था। हम लोग इस मामले की तफ्तीश कर रहे हैं और जांच के बाद ही आगे की जानकारी दी जाएगी।’
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वहीं वाराणसी सिविल कोर्ट के वकील कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने अपनी शिकायत में कहा है कि ‘आई पी सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर आदरणीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को ‘अजय बिष्ट’ कहा है। इसके जरिए सनातम धर्म, संत और साधु सभ्यता का मजाक उड़ाया गया है। इसके जरिए उन्होंने करोड़ों लोगों की आस्था और विश्वास को ठेस पहुंचाया है। योगी आदित्यनाथ गोरक्षा पीठ के पीठाधीश्वर हैं। इससे करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है।’
वहीं इस मामले में सपा नेता आई पी सिंह ने कहा कि उन्हें इस एफआईआर के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें इस मामले में अभी तक कुछ भी नहीं कहा है। आई पी सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने इस मामले में बिना उनका पक्ष जाने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया। मैंने यूपी के सीएम आदित्यनाथ का पुराना नाम लेकर कुछ गलत नहीं किया है।
3 दिसंबरउन्होंने ट्वीट कर कहा कि वो हाईकोर्ट जाएंगे और इस एफआईआर को चुनौती देंगे।
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