स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सपा की हालत हर दिन खराब हो रही है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त ने खुद मुलायम को भी अपनी पार्टी को लेकर सोचने पर मजबूर होना पड़ा। आलम तो यह है कि खराब सेहत के बावजूद मुलायम सपा को दोबारा जिंदा करने के लिए दोबारा पार्टी में सक्रिय होते दिखे। इसी के तहत मुलायम शिवपाल यादव की वापसी चाहते थे लेकिन अखिलेश के रहते अब ऐसा नहीं लग रहा है कि शिवपाल यादव दोबारा सपा में इंट्री कर सकते हैं। इसका ताजा उदाहरण तब मिला जब शिवपाल के खिलाफ सपा ने उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए याचिका लगा डाली।
अभी तक अखिलेश के साथ उनके रिश्ते लगातार खराब हो रहे थे लेकिन शिवपाल की सदस्यता पर कभी भी अखिलेश ने कोई बात नहीं की थी लेकिन अब ऐसा नहीं है शिवपाल यादव को लेकर सपा अब सख्त नजर आ रही है। रोचक बात यह है कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव अभी भी सपा के विधायक हैं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहे रामगोविंद चौधरी ने शिवपाल को लेकर विधानसभा सदस्यता के विरुद्ध याचिका प्रस्तुत की है। यह याचिका दलबदल विरोधी कानून के आधार पर पेश की गई है। बता दें कि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव का रिश्ता लगातार खराब हो रहा है।
दोनों अब एक दूसरे का मुंह देखना भी नहीं चाहते हैं, हालांकि बीच-बीच में कई मौके ऐसे आये जब लगा कि सपा में दोबारा शिवपाल की इंट्री हो सकती है लेकिन यह केवल अफवाह साबित हुई। दूसरी ओर मुलायम ने कई बार शिवपाल यादव को लेकर बड़ा बयान दिया था लेकिन अब तक अखिलेश यादव ने अपने चाचा को लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया था लेकिन अब ऐसा नहीं है कि सपा शिवपाल यादव को लेकर पूरी तरह से आर-पार की लड़ाई के मुड में नजर आ रही है।