जुबिली न्यूज डेस्क
अगले लोकसभा चुनाव के लिए सपा बड़ी तैयारी में जुट गई है. जून से हर जिले में कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर रहे हैं. इसमें समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव स्वयं जाएंगे. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कार्यकर्ताओं को रणनीति समझाई जाएगी. इसके अतिरिक्त लोकसभा क्षेत्रों की आंतरिक बैठक की शुरूआत भी 15 जून से होगी.
बता दे कि पहला शिविर 5-6 जून को लखीमपुर खीरी में आयोजित किया गया है. इसके बाद 9-10 जून को सीतापुर के नैमिषारण्य में समाजवादी पार्टी का प्रशिक्षण शिविर होगा. प्रशिक्षण शिविर में बूथ मैनेजमेंट, वोटर लिस्ट और बूथ कमेटियों पर चर्चा होगी.
सभी 80 लोकसभा सीटों की भिन्न भिन्न आंतरिक बैठक समाजवादी पार्टी करेगी. बोला जा रहा है कि इसी आंतरिक बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों पर भी चर्चा होगी. सपा ने अभी किसी बड़े दल के साथ गठबंधन नहीं करने का घोषणा किया है. वह रालोद समेत कुछ छोटे दलों के साथ लोकसभा चुनाव में उतरेगी.
लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने सबसे पहले कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण पर जोर दिया है. प्रदेश कार्यालय पर सोमवार को जिलाध्यक्षों के साथ आयोजित बैठक में उन्होंने 5 जून तक बूथ स्तर तक कमिटियों के गठन का काम पूरा करने को भी बोला है.
अखिलेश यादव स्वयं इसकी अगुआई करेंगे
कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में पार्टी नवनियुक्त पदाधिकारियों को समाजवाद की नीति और 2024 की रणनीति का पूरा ककहरा सिखाएगी. समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव स्वयं इसकी अगुआई करेंगे. जिलों में दौरे कर वे संगठन को भी मजबूत बनाने पर जोर देंगे, ताकि बीजेपी को जमीनी स्तर पर कड़ी भिड़न्त दी जा सके.
अखिलेश भी प्रशिक्षण में रहेंगे मौजूद
अखिलेश स्वयं अधिकांश जिलों में पहुंचेंगे. वहीं, पार्टी के दूसरे राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारी भी भिन्न-भिन्न सत्रों में कार्यकर्ताओं को समाजवाद का पाठ पढ़ाएंगे. अखिलेश की मौजूदगी के जरिए समाजवादी पार्टी की नजर जमीन के साथ ही कार्यकर्ताओं के मनोबल को भी मजबूत करने पर है.
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धार्मिक मुद्दों पर सतर्कता के निर्देश
अखिलेश ने बैठक में अनुशासन और संवाद की मर्यादा पर विशेष तौर पर जोर दिया. उन्होंने बोला कि पदाधिकारी और कार्यकर्ता सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचें. इधर देखा गया है कि कुछ कार्यकर्ता पार्टी नेताओं के विरूद्ध भी पोस्ट डालते हैं और तरह-तरह की टिप्पणियां करते हैं. यह घोर अनुशासनहीनता है. इस तरह की पोस्ट पर कड़ी अनुशासनिक कार्यवाही के लिए बाध्य होना पड़ेगा. उन्होंने बोला कि धार्मिक संवेदनशील मामलों में सतर्कता बरतें और किसी भी समाज या संप्रदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले बयान न दें.
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