जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट में इन दिनों दो नाम श्रेयस अय्यर और ईशान किशन काफी सुर्खियों में है। दोनों ही खिलाडिय़ों को लेकर बीसीसीआई काफी सख्त रहा है। दोनों ही खिलाडिय़ों से बीसीसीआई इतना ज्यादा नाराज हो गया था कि दोनों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
जब से बीसीसीआई ने उनको सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह नहीं दी है तब से दोनों खिलाडिय़ों को लेकर मैदान के बाहर भी विवाद देखने को मिल रहा है। कई पूर्व खिलाडिय़ों ने बीसीसीआई को सलाह भी दी है।
दरअसल दोनों ही खिलाडिय़ों ने रणजी ट्रॉफी खेलने से साफ मना कर दिया था। ईशान किशन और श्रेयस अय्यर दोनों ही खिलाडिय़ों ने अलग-अलग बहाने बनाये थे और रणजी से दूरी बना ली थी। इसके बाद बीसीसीआई ने इस पर कड़ा एक्शन लिया था और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह नहीं दी थी।
अब बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने अय्यर और किशन के संबंध में जय शाह और रोजर बिन्नी को अपनी तरफ से सलाह दी है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके सौरव गांगुली ने हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार से खास बातचीत इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ईशान किशन की बात करूं तो बीसीसीआई सचिव जय शाह, मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी और सिलेक्टर्स को उनसे सीधे बात करनी चाहिए।
वो काफी समय से रणजी ट्रॉफी और उसके बाद एकदिवसीय क्रिकेट खेलते आ रहे हैं, क्या इससे वो एक बेकार क्रिकेटर बन गए हैं? ऐसा नहीं है।
इसके बाद जब दादा से एक सवाल पूछा गया कि उनका श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को बीसीसीआई से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट ना मिलने पर क्या विचार है।
इस पर दादा ने कहा कि मेरी नजर में ये शायद पहला मौका है जब किसी खिलाड़ी ने रेड-बॉल डोमेस्टिक क्रिकेट नहीं खेला है या ऐसा करने से इनकार कर दिया है।
वो जब हर तरह से दबावमुक्त थे तब उन सभी ने रणजी ट्रॉफी में मैच खेले हैं। मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई इस मुद्दे पर उचित कार्यवाई करेगी।