जुबिली न्यूज डेस्क
2008 में टीवी जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में साकेत कोर्ट 18 अक्टूबर को अपना फैसला सुना सकती है। अदालत ने मामले में दलीलें पूरी करते हुए शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। एडिशनल सेशन जज रवीन्द्र कुमार पांडे ने निर्देश दिया कि फैसले सुनाए जाने वाली तारीख पर सभी आरोपी अदालत में मौजूद रहें। पक्षकार चाहें तो 14 अक्टूबर तक अपनी लिखित दलीलें अदालत के सामने रख सकते हैं।
पुलिस ने आरोपियों पर लगाया मकोका
सौम्या विश्वनाथन की हत्या 30 सितंबर, 2008 में उस वक्त हुई थी, जब वह देर रात अपनी कार से घर लौट रही थीं। उसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या का मकसद लूटपाट था। हत्या के सिलसिले में पांच लोगों- रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया, जो मार्च 2009 से हिरासत में हैं। पुलिस ने आरोपियों पर मकोका लगाया था।
मलिक और दो अन्य आरोपी रवि कपूर और अमित शुक्ला को 2009 में आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष की हत्या मामले में दोषी करार दिया जा चुका है। पुलिस ने तब दावा किया था कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के बाद विश्वनाथन की हत्या के मामले का खुलासा हुआ। निचली अदालत ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में कपूर और शुक्ला को मौत की सजा और मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, अगले साल, हाई कोर्ट ने जिगिशा हत्या मामले में कपूर और शुक्ला की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। मलिक की उम्रकैद की सजा बरकरार रही।
केस को अंजाम तक पहुंचने में लग गए 15 साल
सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस को अपने अंजाम तक पहुंचने में लगभग 15 साल का लंबा वक्त लगा। जबकि, इसके महीनों बाद हुए जिगिषा घोष मर्डर केस में फैसला 2017 में ही आ गया था। दोनों केस में सेम आरोपी होने के बावजूद इस मामले में जजमेंट डिले क्यों हुआ? क्या इसकी वजह साक्ष्यों की कमी थी? ये सवाल उस वकील को सुनने के बाद उठे जिन्होंने शुरुआती दौर में इन दोनों मामलों में अभियोजन का प्रतिनिधित्व किया। लंबे वक्त तक दिल्ली पुलिस के वकील रहे राजीव मोहन ने सौम्या केस से जुड़ी कई अहम बातें बताईं। उन्होंने कहा, सौम्या विश्वनाथन मामले में मकोका लगी है।
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यह एक ब्लाइंड मर्डर केस था। नेल्सन मंडेला मार्ग के ऊपर से सौम्या की गाड़ी जा रही थी। इसी बीच बगल से एक गाड़ी निकली, जिसमें से फायरिंग हुई। इससे सौम्या की गाड़ी पटरी से टकरा गई। फिर जब पुलिस वहां पहुंची तो उसे गाड़ी में सौम्या मृत मिली। एक दूधिया ने सुबह देखा था कि एक गाड़ी यूटर्न लेकर आई और जहां सौम्या की गाड़ी थी, वहां पर वो रुकी। उसमें से कुछ लोग निकले और फिर कार में बैठकर चले गए। लेकिन, यह गवाह बाद में अपने बयान से मुकर गया था। इतना मेरे सामने हुआ…।