Friday - 25 October 2024 - 3:48 PM

SO के आखिरी शब्द-‘गोलियां चल रही हैं…अब बचना मुश्किल है’

जुबिली स्पेशल डेस्क

कानपुर के बिक्ररू गांव में 8 पुलिसकर्मियों के शहीद होने के मामले को लेकर सूबे में गुस्से का माहौल है। इतना ही नहीं आरोपी विकास दुबे की तलाश तेज हो गई है। उधर एसटीएफ ने इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए एनकाउंटर से पहले विकास दुबे से बात करने और पुलिस की मुखबिरी के शक में सस्पेंड एसओ विनय तिवारी को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है।

दूसरी ओर 8 पुलिसकर्मियों की शहदत को लेकर कई खुलासे सामने आ रहे हैं। इस पूरी घटना के दौरान एसओ शिवराजपुर महेश यादव ने आखिरी बार कॉल की थी और थाने के एसएसआई को पूरी घटना की जानकारी देते हुए कहा था कि हैलो, बदमाशों ने हम लोगों को घेर लिया है…गोलियां चल रही हैं…अब बचना मुश्किल है..जल्द फोर्स भेजें।

इसके बाद फौरन भारी फोर्स और पुलिस बल मौके पर पहुंचे। तब तक देर हो चुकी है और 8 पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। हालांकि कुछ पुलिसकर्मियों की जिदंगी बच सकी।

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जानकारी के मुताबिक विकास दुबे के घर दबिश देने के लिए सीओ ने फोर्स को बुलाया था तो महेश भी थाने की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। शिवराजपुर एसओ महेश यादव गोली लगते ही गिर गए थे। बदमाशों ने उनके ऊपर दर्जनों गोलियों दागकर मौत के घाट उतार दिया। बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान शिवराजपुर एसओ महेश यादव और मंधना चौकी इंचार्ज अनूप सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।

महेश यादव और अनूप सिंह मदद के लिए ग्रामीणों के दरवाजे खटखटा रहे थे,तभी पीछे आए बदमाशों ने दोनों की पीठ पर दर्जनों गोलियां दाग दी। इसके बाद शवों को घसीटते हुए एक जगह इकट्ठा करके रखते गए। बदमाशों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं, मृत शरीरों पर पर भी कई राउंड फायरिंग की।

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बताया जा रहा है कि दबिश के वक्त पूरे गांव की स्ट्रीट लाइटों को बंद कर दिया गया गया था। इसके बाद दोनों तरफ जोरदार गोलियां चल रही थी। लाइट बंद होने की वजह पुलिसकर्मी पूरी तरह से फंस गए थे और भागने का कोई रास्ता दिखायी नहीं पड़ रहा था। दूसरी ओर बदमाशों के लिए ये खेल कोई नया नहीं था और गांव का हर इलाका उनका समझा हुआ था। इस वजह से आसानी पुलिसकर्मियों को मौत की नींद सुला दी है।

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