जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना महामारी फैलने के बाद काम छिन जाने के बाद अपने घरों को पैदल लौटने को मजबूर लाखों मजदूरों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाकर करोड़ों लोगों के लिए रियल लाइफ के हीरो बनकर उभरे फिल्म अभिनेता सोनू सूद लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों द्वारा किये गए संघर्ष पर किताब लिख रहे हैं.
एक इंटरव्यू में सोनू सूद ने बताया कि मेरी माँ मुझसे कहती थीं कि उन लम्हों को लिखा कारप जो तुम्हारी ज़िन्दगी में ख़ास हों. माँ प्रोफ़ेसर थीं. मेरे पास उनकी डायरी है. उस डायरी में उन्होंने अपनी ज़िन्दगी के तमाम ख़ास लम्हे लिखे. आज मेरा परिवार बढ़ गया है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और असम तक मेरे पास कहानियाँ ही कहानियाँ हैं. सारी कहानियाँ बहुत ख़ास हैं. इन सारी कहानियों को एक जगह जमाकर किताब बनाने जा रहा हूँ.
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सोनू सूद ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान इन सारी दिलचस्प कहानियों को लोगों से शेयर करूँगा. आने वाले समय में लोग यह जानना चाहेंगे कि ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोग अपने घरों को कैसे लौटे थे. उन्हें वापस भेजने में हमने भी चुनौतियों का सामना किया है. इन चुनौतियों से गुज़रे बहुत से लोगों ने अपने बच्चो का नाम सोनू सूद रख लिया. वह फोन के ज़रिये लगातार जुड़े रहते हैं. यह बहुत बड़ी बात है.