जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में प्रवासी मजदूरों के लिए सोनू सूद ने जिस तरह से दोनों हाथों से पैसा लुटाया है उसके लिए उन्होंने अपनी कई सम्पत्तियां गिरवी रख दीं. इसके अलावा उन्होंने गरीबों की मदद के लिए बाज़ार से दस करोड़ रुपये का कर्ज़ भी लिया.
कोरोना महामारी शुरू होने के बाद लाखों की तादाद में मजदूर जब अपने घरों को लौटने के लिए सड़कों पर निकल आये तो एक्टर सोनू सूद उनके मददगार बनकर सड़क पर निकले. अपने खर्च पर उन्होंने न सिर्फ मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम किया बल्कि रास्ते में खाने के लिए भी उन्हें रुपये दिए.
देश के विभिन्न इलाकों में गरीबों के बीच सोनू सूद की मसीहा वाली जो छवि बनी है उसके लिए सोनू सूद ने भी कम त्याग नहीं किया है. जिस दौर में सोनू सूद गरीबों की मदद कर रहे थे उस दौर में यह सवाल बड़ी तेज़ी से उठा था कि आखिर वह इतना पैसा ला कहाँ से रहे हैं. सोनू सूद ने हालांकि कभी इन सवालों का जवाब नहीं दिया.
जानकारी मिली है कि गरीब मजदूरों को इस एक्टर ने सिर्फ घर ही नहीं पहुंचाया बल्कि भुखमरी की कगार पर खड़े लोगों के खाने का इंतजाम भी किया. बेघर लोगों को सर छुपाने लायक जगह दिलाने में भी मदद की. इस मदद के लिए जब-जब ज़रूरत पड़ी वह अपनी सम्पत्तियों को गिरवीं रखते चले गए.
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सोनू सूद ने अपनी आठ कीमती सम्पत्तियां गिरवीं रखकर मजदूरों की ज़रूरतें पूरी कीं. पैसा फिर भी कम पड़ गया तो बाज़ार से दस करोड़ रुपये का कर्ज़ भी लिया. सोनू सूद ने अपने छह फ़्लैट और दो दुकानें गिरवीं रखकर मजदूरों के लिए पैसा जुटाया. सोनू ने जो दस करोड़ का लों लिया उसके लिए पांच लाख रुपये स्टाम्प ड्यूटी के खर्च किये. सोनू के फ़्लैट इस्कान मंदिर के पास एबी नायर रोड पर हैं.
गरीबों की मदद के लिए गले तक कर्ज़ में डूब गए सोनू सूद अभी भी ज़रूरतमंदों की मदद के लिए ट्वीटर पर एक्टिव हैं. अब भी लोग उनसे मदद मांग रहे हैं और वह मदद कर रहे हैं.