न्यूज डेस्क
सौम्यता, सहजता और सरलता इन तीनों के सम्मिश्रण थे राजीव गांधी। जो भी राजीव गांधी से मिला वह उनके इन तीनों गुणों का मुरीद हो गया। आज भी राजीव के जानने वाले लोग उनकी की बात करते है तो सबसे पहले उनके इन्हीं गुणों को याद करते हैं। राजीव गांधी में और भी कई खूबिया थी जिसे गुरुवार को उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने नई पीढ़ी से साझा की।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में सोनिया गांधी ने राजीव के बारे में खूब बातें की। वो कैसे राजनेता थे, इसके बारे में सोनिया ने ज्यादा बताया।
वर्तमान राजनीतिक हालात पर चिंता जताते हुए सोनिया ने कहा, 1984 में राजीव गांधी को विशाल बहुमत मिला था, लेकिन उन्होंने इस ताकत का इस्तेमाल लोगों में डर का माहौल बनाने या डराने-धमकाने , संस्थाओं की स्वतंत्रता को नष्ट करने के लिए नहीं किया, असहमति और मुख्तलिफ नजरियों को कुचलने के लिए नहीं किया, लोकतांत्रिक परंपरा और जीवनशैली के लिए खतरा पैदा करने के लिए नहीं किया।
इस मौके पर उन्होंने राजीव की खूबी के बहाने मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। इशारों-इशारों में उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा और कांग्रेस की चुनौतियों का जिक्र भी किया।
सोनिया ने कहा कि 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दोबारा पूरे बहुमत से अकेले जीत कर नहीं आ सकी, तो राजीव जी ने गरिमा और विनम्रता के साथ जनादेश स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को मैं बताना चाहती हूं कि सबसे बड़ा राजनीतिक दल होने के बावजूद राजीव जी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। क्यों नहीं किया ! क्योंकि इसके लिए उनके आंतरिक नैतिक बल, उनकी उदारता और ईमानदारी ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया।’
उन्होंने कहा, ‘आज के दौर में ये कोई नहीं कर सकता है जैसा राजीव जी ने किया, राहुल (अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर) ने किया।’
राजीव गांधी के योगदान को याद करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि यह राजीव का प्रयास था कि देश के 18 साल के युवाओं को मतदान का अधिकार मिला। राजीव की प्रतिबद्धता थी कि पंचायतों और नगर निकायों को संवैधानिक दर्जा मिले।
सोनिया ने कहा-राजीव गांधी ने कंप्यूटर और दूरसंचार क्रांति का संकल्प लिया और छोटे से समय में उसे पूरा करके दिखाया। राजीव गांधी मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प रखते थे। राजीव जी ने प्रधानमंत्री के तौर पर देश के कोने-कोने तक जाकर यह संदेश दिया कि भारत की विविधता का उत्सव मनाकर ही देश को मजबूत बना सकते हैं।
बीजेपी का नाम लिए बगैर उस पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘चुनावी उतार-चढ़ाव अपरिहार्य है। हमारे पार्टी के सामने चुनौतियां बड़ी है लेकिन हमें विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ अपना वैचारिक संघर्ष जारी रखना होगा।’
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