Saturday - 2 November 2024 - 4:48 PM

दिल्ली में बिछेगी महाराष्ट्र सरकार की बिसात

न्‍यूज डेस्‍क

महाराष्ट्र में सरकार कैसे बने और कब बने इस बात से आज पर्दा उठ सकता है। एनसीपी अध्‍यक्ष शरद पवार आज कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मिल कर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों नेताओं की बैठक के बाद ही महाराष्ट्र की नई सरकार को लेकर फैसला होने की संभावना जताई जा रही है।

बता दें कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन में सरकार बनने को लेकर लग रहे कयासों और लंबी बैठकों के बाद भी अभी तक कोई भी ठोस निर्णय नहीं निकल सका है। सूत्रों के अनुसार, तीनों पार्टियों के बीच में बंटने वाले मंत्रालय के बारे में ड्राफ्ट किया जा चुका है। इस पर भी इस मीटिंग में बात हो सकती है।

दूसरी ओर शिवसेना मुख्‍यमंत्री पद के लिए अभी भी अड़ी हुई है। पार्टी के प्रवक्‍ता संजय राउत ने ट्वीट करके एक बार फिर दोहराया कि मुख्‍यमंत्री उनकी ही पार्टी का होगा।

रविवार को पुणे में एनसीपी की कोर कमेटी की बैठक हुई। पार्टी प्रमुख शरद पवार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एनसीपी विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल सहित कई महत्वपूर्ण नेताओं ने भाग लिया। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक के अनुसार बैठक में राज्य में चुनी हुई सरकार बनाने का निर्णय किया गया।

प्रदेश में एनसीपी और कांग्रेस का चुनाव से पहले गठबंधन है, इसलिए शरद पवार सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे। वे उन्हें महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना नेताओं के बीच हुई अब तक की चर्चा की जानकारी देंगे और आगे की योजना पर विचार करेंगे। उसके बाद मंगलवार को कांग्रेस-राकांपा के नेता साथ बैठकर सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र इस समय राष्ट्रपति शासन के दौर से गुजर रहा है। नौ नवंबर को पिछली विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने 105 सदस्यों वाले सबसे बड़े दल बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। बीजेपी के असमर्थता जाहिर करने पर शिवसेना को 24 घंटे का समय दिया।

इसके बाद शिवसेना प्रतिनिधि दी गई अवधि से 45 मिनट पहले ही राजभवन पहुंच गए थे लेकिन कांग्रेस, एनसीपी के समर्थन का पत्र नहीं पहुंचने से मायूस लौटे। उसके बाद एनसीपी को भी 24 घंटे का समय दिया गया, लेकिन एनसीपी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर उनसे अवधि बढ़ाने का आग्रह किया। इसे सरकार बना पाने में एनसीपी की असमर्थता मानते हुए राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी।

शिवसेना की कांग्रेस और एनसीपी नेताओं से कई स्तर पर बातचीत हो चुकी है। स्वयं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे राकांपा अध्यक्ष शरद पवार एवं कांग्रेस नेता अहमद पटेल सहित प्रदेश स्तर के नेताओं से मिल चुके हैं। माना जा रहा है कि तीनों दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा हो चुकी है। कांग्रेस और एनसीपी प्रदेश स्तर के नेता शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने को राजी दिख रहे हैं। बदले में कांग्रेस और एनसीपी को पूरे पांच वर्ष के लिए उपमुख्यमंत्री पद के साथ कई महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल सकते हैं।

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