जुबिली न्यूज डेस्क
कांग्रेस में मचे घमासान के बीच आज सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। बैठक में सोनिया गांधी ने पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग कर रहे उन बागी नेताओं को बगैर नाम लिए यह कहकर जवाब दे दिया कि कांग्रेस की परमानेंट अध्यक्ष वही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष और संगठन में चुनाव के मद्देनजर आज की इस बैठक में सोनिया गांधी ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा कि कांग्रेस का हर सदस्य चाहता है कि पार्टी का पुनरुद्धार हो, लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोच्च रखने की जरूरत है।
सोनिया ने इस मौके पर पार्टी नेताओं को आत्म-नियंत्रण और अनुशासन का भी ख्याल रखने को कहा। कांग्रेस अध्यक्ष ने बागी नेताओं के समूह ‘जी-23’ गुट पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि मैं एक पूर्णकालिक और व्यावहारिक कांग्रेस अध्यक्ष हूं।
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उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा स्पष्टता की सराहना की है, मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की कोई आवश्यकता नहीं है। तो आइए हम सभी ईमानदार चर्चा करें।
संगठनात्मक चुनावों और अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हमने 30 जून तक नियमित कांग्रेस प्रमुख के चुनाव के लिए रोडमैप को अंतिम रूप दिया था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण समय सीमा अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दी गई। आज हमेशा के लिए स्पष्टता लाने का अवसर है।
बैठक में लखीमपुर खीरी कांड पर उन्होंने कहा कि लखीमपुर में जो कुछ हुआ वह भाजपा की मानसिकता को दिखाती है कि वह किस तरह किसान आंदोलन को देखती है। लखीमपुर घटना ये दिखाती है कि बीजेपी किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपट रही है।
सूत्रों के मुताबिक आज की इस बैठक में पांच राज्यों में अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों, मौजूदा राजनीतिक हालात के साथ ही लखीमपुर खीरी की घटना, किसान आंदोलन, बेरोजगारी, महंगाई तथा आर्थिक स्थिति पर चर्चा हो सकती है और कुछ प्रस्ताव भी पारित किए जा सकते हैं।
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हो रही बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और कई अन्य नेता शामिल हैं।
कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के नेताओं की ओर से पार्टी के भीतर संवाद की मांग किए जाने और हाल के महीनों में कई नेताओं के पार्टी छोडऩे की पृष्ठभूमि में यह बैठक हो रही है।
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कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी। आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान के बीच पिछले दिनों पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए।