जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. हिन्दुस्तान में नफरत के वायरस के ज़रिये जो अविश्वास को बढ़ाया जा रहा है उसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. एक अंग्रेज़ी अखबार में लिखे लेख में सोनिया गांधी ने लिखा है कि नफरत और विभाजन का वायरस देश और देशवासियों दोनों को नुक्सान पहुंचा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री ऐसे विभाजनकारी लोगों को कड़ी हिदायत भी नहीं दे रहे हैं. सोनिया ने लिखा है कि मोदी सरकार यह चाहती है कि देश के लोग इस बात को स्वीकार कर लें कि ध्रुवीकरण की स्थाई स्थिति ही उनके हित में है. खानपान, पहनावे, त्यौहार और धार्मिक आस्था के नाम पर भारतीयों को भारतीयों के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश की जा रही है.
सोनिया गांधी ने लिखा है कि देश की बेहतरी के लिए रचनात्मक कार्यों से युवाओं को जोड़ने के बजाय काल्पनिक अतीत के संदर्भ में वर्तमान को नया रूप देने किन कोशिश की जा रही है. उन्होंने लिखा है कि जिन विविधताओं ने सदियों से हमारे समाज को परिभाषित और समृद्ध किया, उसमें बदलाव कर हमें बांटने की साजिशें रची जा रही हैं. सोनिया गांधी का मानना है कि समृद्धि के लिए हमें उच्च आर्थिक विकास को बनाकर रखना होगा. धनराशि का इस्तेमाल लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने और सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों के लिए ज़रूरी राजस्व उपलब्ध कराना चाहिए. युवाओं को रोज़गार के पर्याप्त अवसर दिए जाने चाहिए. लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि यह सब करने के बजाय कट्टरता, नफरत और विभाजन का प्रसार कर आर्थिक नींव को जर्जर किया जा रहा है. कार्पोरेट जगत की हालत ऐसी हो गई है कि बहुत से कारोबारी खुद को एनआरआई घोषित किये दे रहे हैं.
सोनिया गांधी ने लिखा है कि नफरत का शोर इस तरह से बढ़ रहा है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध की तरफ यह समाज बढ़ा जा रहा है. इसी देश में हम मिलकर त्यौहार मनाते थे. अच्छे पड़ोसी की तरह से रहते थे. कला, सिनेमा और रोजमर्रा की ज़िन्दगी में आपसी विश्वास बहुत मज़बूत था. अफ़सोस होता है कि संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रीयता की मज़बूत नींव को ही कमज़ोर किया जा रहा है. भारत को स्थाई रूप से उन्माद की तरफ ढकेला जा रहा है. सत्ता में जो लोग बैठे हैं वह उन आवाजों को कुचल डालने पर आमादा हैं जिन आवाजों से वह सहमत नहीं हैं. राजनीतिक विरोधियों को इस तरह से निशाना बनाया जा रहा है कि उनके खिलाफ पूरी सरकारी मशीनरी को झोंक दिया जा रहा है. सामाजिक कार्यकर्ताओं को धमकाया जा रहा है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल झूठ और नफरत के लिए हो रहा है.
सोनिया ने सवाल उठाया कि आखिर प्रधानमंत्री को हेट स्पीच के खिलाफ बोलने से कौन रोकता है. हेट स्पीच देने वाले खुलेआम घूमते रहते हैं. भड़काऊ भाषण देते रहते हैं. हमारे देश में कट्टरता, असहिष्णुता और झूठ का बोलबाला बढ़ रहा है.अभी भी इसे नहीं रोका गया तो यह हमारे समाज को बड़ा नुक्सान पहुंचाएगा. फिर इसकी भरपाई संभव नहीं हो पायेगी. झूठे राष्ट्रवाद की वेदी पर शान्ति और बहुलतावाद की बलि दी जा रही है. हम यह सब चुपचाप नहीं देख सकते.
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