न्यूज डेस्क
सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों को कांग्रेस पार्टी द्वारा मदद देने के बाद समाजवादी पार्टी आज आर्थिक मदद देगी। पार्टी उम्भा गांव में नरसंहार के दौरान मरने वाले लोगों के परिजनों को एक-एक लाख रुपया और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। पूर्व राज्य मंत्री व्यास जी गौड़ उम्भा गांव में जाकर पीड़ितों को सहायता राशि का चेक बांटेंगे।
बता दें, उम्भा गांव में 17 जुलाई को जमीनी विवाद में 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी, जबकि बनारस ट्रामा सेंटर में एक महिला की मौत हो गई। इस जनसंहार में 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में 29 लोग घायल हो गए थे।
गौरतलब है कि इससे पहले यूपी के सोनभद्र नरसंहार के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में सोनभद्र नरसंहार पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी हरेक मृतक परिवार को 10 लाख का अनुदान दिया जाएगा। इसके बाद प्रियंका गांधी ने अपने दूसरे दौरे में पीड़ित परिवारा को मुआवजे का चेक सौंपा था।
बताते चले कि यूपी के सोनभद्र में हुई 11 ग्रामीणों की हत्या मामले में योगी सरकार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। यह कमेटी विवादित जमीन के मालिकाना हक की जांच करेगी। साथ ही इस बात की भी जांच की जाएगी कि समय-समय पर यह जमीन किसके पास ट्रांसफर हुई? यह कमेटी इस संदर्भ में विस्तृत जांच कर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। अगर जमीन से संबंधित पुराने दस्तावेज में किसी अधिकारी द्वारा कोई अनियमितता पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद सोनभद्र हत्याकांड में जांच कमेटी की रिपोर्ट आ गई। इस रिपोर्ट में प्रारम्भिक तौर पर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) को दोषी पाया गया है और उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। एसडीएम विजय प्रकाश तिवारी के खिलाफ अब विभागीय जांच चलेगी. सरकार ने घटना के बाद ही जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई थी, जिसके रिपोर्ट सामने आई है।
वहीं एडीजी जोन, वाराणसी की रिपोर्ट में सीओ घोरावल, एसडीएम घोरावल, एसएचओ घोरावल, वह दो सब इंस्पेक्टर दोषी पाए गए हैं। वहीं कई के खिलाफ जांच की संस्तुति की गई है। जांच रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि इनकी कमी की वजह से मामला निस्तारित नहीं हुआ। भारी संख्या में लोग 2 दर्जन से अधिक ट्रैक्टरों से सैकड़ों लोग असलहा सहित पहुंचे थे और घटना को अंजाम दिया था। इनकी लापरवाही को देखते हुए उनके खिलाफ निलंबन के साथ विभागीय कार्रवाई की भी संस्तुति की गई।