न्यूज डेस्क
सोनभद्र जनसंहार जिले के उम्भा गांव में हुए गोलीकांड के बाद सबसे पहले घटनास्थल की ओर कूच करने वालीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी एक बार फिर सोनभद्र जा रही हैं। प्रियंका गांधी मंगलवार को सोनभद्र के उम्भा गांव पहुंचकर गोलीकांड के पीड़ितों से मुलाकात करेंगी।
प्रियंका उन्हें उनकी जमीन वापस दिलाने की दिशा में किए गए प्रयासों के संबंध में जानकारी देंगी। उन्होंने ग्रामीणों से पहले ही इसके लिए हर संभव प्रयास का वादा किया था।
कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि प्रियंका गांधी ने जिस तरह से इस मुद्दे को उठाया, वैसा मुख्य विपक्षी दल सपा और बसपा भी नहीं कर सके। इतना ही नहीं कांग्रेस ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का चेक भी दिया। साथ ही घायलों की मदद भी की। अब एक बार फिर प्रियंका गांधी उम्भा गांव का दौरा कर इसे मुद्दे को फिर से गरमाने में जुटी हैं।
दूसरी तरफ सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रियंका गांधी के इस दौरे को केवल राजनीति करार दिया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सोनभद्र के विवाद की जड़ में कांग्रेस ही है। सरकार द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के ही एक नेता ने सन 1955 में जमीन को सोसाइटी बनाकर हस्तांतरित किया था।
ऐसा माना जा रहा है प्रियंका गांधी अपने इस दौरे के दौरान प्रारंभिक जांच के बाद योगी सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दे सकती हैं।
बता दें कि इससे पहले प्रियंका गांधी 19 जुलाई को भी सोनभद्र दौरे पर गई थीं। तब उन्हें वाराणसी और मिर्जापुर में ही रोक लिया गया था। इसके बाद लंबे चले सियासी ड्रामे के बाद पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मिलने की जिद के साथ प्रियंका धरने पर बैठ गई थीं। पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात के बाद ही प्रियंका गांधी ने अपना धरना खत्म किया था।
प्रियंका के पिछले दौरे के दौरान घटनाक्रम को देखते हुए जिला प्रशासन इस बार मुस्तैद है। वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी गरीबों, दबे-कुचले और शोषित लोगों के लिए लगातार लड़ाई लड़ रही हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रियंका पीड़ित परिवारों से मिलकर सरकार की ओर से मिली मदद, आगे के लिए किए गए वायदों और गरीबों की जमीन वापस दिलाए जाने के मुद्दे पर ग्रामीणों से चर्चा करेंगी।
प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी, दोनों दलों के अपने-अपने तर्क हैं। प्रियंका और कांग्रेस की मन्शा चाहे जो हो, लेकिन प्रदेश की सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है।
बताते चले कि सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में 17 जुलाई को एक जमीन विवाद को लेकर ग्राम प्रधान और उसके सहयोगियों ने लोगों के एक समूह पर गोलियों की बौछार कर दी थी। इस हादसे में कुल 10 लोगों की मौत हो गई थी।