जुबिली न्यूज डेस्क
आज आम बजट पेश हो रहा है और सबको खासकर नौकरीपेशा लोगों को हर बार की तरह इस बार भी टैक्स कटौती की उम्मीद है. पर इतिहास में कई उदाहरण हैं जहां सरकारों ने अजीबोगरीब टैक्स लगाया. आज भी ऐसे कई टैक्स हैं जो समझ से परे हैं. आज हम आपको बताने जा रहे दुनिया के उन 10 अजीबोगरीब टैक्स के बारे में…
वेश्यावृत्ति
जर्मनी में वेश्यावृत्ति एक कानूनी पेशा है. नतीजतन सभी कानूनी व्यवसायों की तरह इस पेशे में भी लगे व्यक्तियों को अपना व्यवसाय चलाने के लिए टैक्स चुकाना पडता है. वहां 2004 से इस कानून के तहत प्रॉस्टिट्यूट्स को हर महीने 150 यूरो बतौर टैक्स देने पड़ते हैं. बता दें, जर्मनी की सरकार वेश्यावृत्ति पर टैक्स से 01 मिलियन यूरो हर साल कमाती है.
अनमैरिड
अनमैरिड लोगों पर ऐसे टैक्स के बहुत कम उदाहरण मिलेंगे. पर आपको बता दें कि इतिहास ऐसे कई उदाहरणों से भरा पड़ा है. जूलियस सीजर ने इंग्लैंड में 1695 में, पीटर द ग्रेट ने 1702 में रूस में बैचलर टैक्स लागू किया था. अमेरिका के मिसौरी में अभी भी यह लिया जाता है. यहां 21 साल से 50 साल के बैचलर पुरुषों से 1 डॉलर टैक्स लगाया जाता है.
ब्रेस्ट टैक्स
केरल में त्रावणकोर के राजा ने निचली जातियों की महिलाओं के ब्रेस्ट ढकने पर यह टैक्स लगाया था. इन महिलाओं को अपने ब्रेस्ट को ढंकने की अनुमति नहीं थी. इनमें नाडर, एजवा, थिया व दलित महिलाएं आती थीं. अगर ये महिलाएं ब्रेस्ट ढकती थीं तो इनको काफी ज्यादा टैक्स देना पड़ता था. जब नांगेली नाम की महिला ने टैक्स देने से मना कर दिया. विरोध में अपने ब्रेस्ट तक काट डाले. बाद में उसकी मौत हो गई और राजा टैक्स खत्म करने के लिए मजबूर हो गया.
ताश के पत्ते
अमेरिका का अलबामा राज्य कई चीजों पर बेतुका टैक्स लगाने के लिए बदनाम है. यहां ताश के पत्ते खरीदने या बेचने के लिए भी टैक्स देना पड़ता है. खरीदने वाले को 10 फीसदी प्रति ‘ताश की गड्डी’, जबकि बेचने वाले को 71 रुपये फीस के साथ ही 213 रुपये कर चुकाने पड़ते हैं.
टॉयलेट के फ्लश
दुनिया में एक शहर ऐसा है जहां हर घर से टॉयलेट के फ्लश का टैक्स लिया जाता है. दरअसल, ये टैक्स मैरीलैंड में लगाया जाता है. जहां पानी के ख़र्च पर नज़र रखने के लिए हर घर से 5 डॉलर प्रति महीने का टॉयलेट फ्लश टैक्स लगाया जाता है. यह पैसा बाद में मैरीलैंड सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम में जाता है.
टैटू
अमेरिकी राज्य ऑरकैंसस में अगर कोई टैटू, बॉडी पियर्सिंग या इलेक्ट्रोलीसिस ट्रीटमेंट करवाता है तो उसे स्टेट को सेल्स टैक्स के तहत 6 फीसदी टैक्स देना होता है.
खिड़कियों पर टैक्स
इंग्लैंड और वेल्स के किंग विलियम्स तृतीय ने साल 1696 में खिड़कियों पर टैक्स लगा दिया था. खिड़कियों पर टैक्स भी उसकी संख्या के हिसाब से देना पड़ता था. जिन लोगों के घरों में 10 से ज्यादा खिड़कियां होती थीं, वे 10 शिलिंग तक टैक्स भरते थे.
फैट
खाने में फैट की मात्रा के हिसाब से टैक्स! यह सुनकर आपको थोड़ा अजीब तो लगेगा, लेकिन है यह सच. डेनमार्क और हंगरी जैसे देशों ने चीज, बटर और पेस्ट्री जैसे हाई कैलरीज फूड पर फैट टैक्स लगता है. इसका मकसद लोगों को मोटापे और हार्ट अटैक जैसी समस्याओं से बचाना है.कई अन्य देश भी इस बारे में सोच रहे हैं.
ये भी पढ़ें-संसद में PM मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू
मवेशी डकार
अगर न्यूजीलैंड में मवेशी डकार लेते हैं तो टैक्स किसानों को चुकाना होगा. दरअसल ग्रीन हाउस गैसों की समस्या की रोकथाम के लिए सरकार ने यह एक्शन लिया है.
पालतू जानवरों पर टैक्स
कुछ भारतीय राज्यों ने भी अजीबो गरीब टैक्स लगाए थे. इनमें से एक था पालतू जानवरों पर टैक्स. रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2017 के अंत में पंजाब सरकार ने अलग-अलग पालतू जानवरों के मालिकों पर टैक्स लगाने का ऐलान किया। करों की दो श्रेणियां रखी गई हैं. पहला, कुत्ते, बिल्ली, भेड़, सुअर और हिरण के मालिकों से 250 रुपये प्रति वर्ष शुल्क लिया जाएगा. दूसरा, हाथी, गाय, ऊंट, घोड़ा, भैंस और बैल के लिए 500 रुपये प्रति वर्ष शुल्क लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें-500 रुपये के नकली नोट को लेकर RBI का बड़ा बयान, जानें क्या कहा