न्यूज डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब एक नया फैसला लेने वाले हैं। वह उस चलन पर रोक लगा सकते हैं जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति की विदेशी नेताओं के साथ फोन पर होने वाली बातचीत प्रशासनिक अधिकारियों को सुनने की इजाजत होती है।
ट्रंप ने ये फैसला यूं ही नहीं लिया है। फोन पर बातचीत की वजह से ही उन्हें महाभियोग की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।
दरअसल जुलाई में यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ फोन पर बातचीत के बाद ही राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू हुई थी। पिछले वर्ष 25 जुलाई को उनकी यूक्रेन के राष्ट्रपति से हुई बातचीत विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और व्हाइट हाउस के कर्मचारियों ने सुनी थी।
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गेराल्डो रिवेरा को दिए रेडियो साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, ”मैं उस परंपरा को पूरी तरह से खत्म कर सकता हूं।” यह साक्षात्कार 13 फरवरी को प्रसारित हुआ। अपने खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही के बारे में राष्ट्रपति ने कहा, ”मेरे खिलाफ बिना किसी वजह के महाभियोग चलाया गया, यह पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण था।”
किसी भी प्रशासन में यह परंपरा होती है कि वेस्ट विंग बेसमेंट में एक सुरक्षित तथा साउंडप्रूफ सिच्वेशन रूम में कर्मचारी राष्ट्रपति की बातचीत को लिपिबद्ध करते हैं। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अधिकारी कॉल संबंधी पत्रक तैयार करते हैं और यह एक आधिकारिक रिकॉर्ड बन जाता है। ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा है कि राष्ट्रीय ट्रंप चाहे तो वह ऐसा कर सकते हैं कि उनका फोन कॉल कोई अन्य न सुनें।
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