न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना फ्लाप साबित होती दिख रही है। इस योजना को रफ्तार देने के लिए सरकार लाभार्थियों को सिलेंडर भरवाने के लिए लोन देने पर विचार कर रही है।
सरकार उज्ज्वला योजना को रफ्तार देने के लिए एक पॉलिसी लाने जा रही है। इसके तहत उज्ज्वला योजना के ग्राहकों को सिर्फ 50 से 100 रुपये में सिलेंडर भरवाने की सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा बाकी रकम तेल कंपनियां सब्सिडी के आने पर लेंगी।
दरअसल उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की ओर से दोबारा सिलेंडर लेने में रुचि नहीं दिखाई जा रही थी। इसकी वजह है मौके पर सिलेंडर भरवाने के लिए ज्यादा रकम देनी पड़ती है, जिसकी वजह से लोग सिलेंडर नहीं ले रहे हैं। उत्तराखंड में तो इस योजना के 99 प्रतिशत लाभार्थियों ने दूसरा सिलेंडर नहीं भरवाया है।
क्या है वजह
दरअसल सिलेंडर न भरवाने की बड़ी वजह है एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में बड़ा इजाफा होना। इसके चलते उज्ज्वला स्कीम के लाभार्थियों को भी सिलेंडर की खरीद के वक्त ज्यादा रकम देनी होती है। इसके बाद सब्सिडी वाली रकम बैंक खाते में आती है। मौके पर ज्यादा रकम चुकाने में सक्षम न होने के चलते ऐसी स्थिति पैदा हो रही है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ही सरकार ने यह योजना बनाई है। हालांकि यह अभी शुरुआती स्तर पर ही है।
दरअसल सरकार घर-घर सिलेंडर पहुंचाने के लिए मोबाइल लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस स्कीम ला रही है। बिजनस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार इस स्कीम के साथ ही उज्ज्वला के लाभार्थियों के लिए लोन की सुविधा भी शुरू की जाएगी। अभी इस स्कीम के बारे में पूरी डिटेल नहीं मिल सकी है, लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
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पिछले दिनों भारतीय स्टेट बैंक की ओर से की गई एक रिसर्च में यह बात सामने आई थी कि करीब 25 प्रतिशत लाभार्थियों ने दोबारा सिलेंडर ही नहीं लिया। एसबीआई की ईकोरैप रिपोर्ट के मुताबिक एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते ऐसा हो रहा है।
इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि उज्ज्वला के लाभार्थियों सिलेंडरों के इस्तेमाल के लिए साल में कम से कम 4 सिलेंडर मुफ्त में दिए जाने चाहिए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि मुफ्त सिलेंडरों की बजाय लोन की स्कीम को तेल एवं पेट्रोलियम गैस मंत्रालय ज्यादा मुफीद मान रहा है। इससे सरकार पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा और मौके पर ज्यादा रकम चुकाने के दबाव से भी ग्राहक मुक्त हो सकेंगे।
यदि हम दिल्ली में सिलेंडर के रेट की ही बात करें तो बीते 6 महीने में गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमत 284 रुपये बढ़कर 859 हो गई है, जो पहले 575 रुपये थी। दिसंबर, 2018 तक उज्ज्वला स्कीम से जुड़े 5.92 करोड़ लाभार्थियों के डेटा के मुताबिक करीब 25 पर्सेंट ऐसे लोग रहे हैं, जिन्होंने दोबारा सिलेंडर नहीं भरवाया। इसके अलावा 18 पर्सेंट के करीब लोग ऐसे हैं, जिन्होंने दूसरा सिलेंडर लिया। 11.7 फीसदी ऐसे हैं, जिन्होंने तीसरा सिलेंडर भी लिया।
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