जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का काम अब अंतिम चरण में है। राम मंदिर का उद्घाटन समारोह में कम है जबकि लोकसभा चुनाव काफी नजदीक है।
सियासी पिच पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों बल्लेबाजी करने को तैयार है। जहां एक ओर विपक्ष की पूरी टीम एक साथ मिलकर एनडीए के खिलाफ लड़ेंगी तो दूसरी ओर बीजेपी लगातार तीसरी बात जीत की हैट्रिक लगाने के लिए ठोस रणनीति बना रही है।
बीजेपी इसको लेकर लगातार बैठकें कर रही ताकि चुनावी दंगल में एक बार फिर जीत हासिल किया जाये तो दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में एक बार फिर राम मंदिर के सहारे जनता का दिल जीतने की भी तैयारी हो रही है।
पीएम मोदी सबसे पहले अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे तो दूसरी तरफ राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बेहद भव्य बनाने की तैयारी चल रही है।
इस कार्यक्रम में राम मंदिर ट्रस्ट ने सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों, सभी राष्ट्रीय पार्टी प्रमुखों, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी, दलाई लामा और फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, मधुरी दीक्षित को आमंत्रित किया है।
राजनीति के जानकारों की माने तो इस पूरे कार्यक्रम के सहारे बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी को और मजबूत करने की भी तैयारी कर रही है। इतना ही नहीं बीजेपी राम मंदिर से जुड़े इस कार्यक्रम को लोकसभा चुनाव में अपने प्रचार में भरपूर इस्तेमाल करेंगी ताकि जनता को ये बता सके कि उसने जो वादा किया था उसे पूरा किया।इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस ने 22 जनवरी यानी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के दिन देशभर की अपनी 45 इकाइयों से एक हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को घर घर पहुंच कर यह संदेश देने के लिए बोला है कि वह अपने पास के मंदिर में जाएं और अयोध्या के कार्यक्रम से जुड़ाव महसूस करें।
बताया जा रहा है कि बीजेपी ने गांव गांव रामोत्सव कार्यक्रम की योजना भी बनाई है। इसको लेकर एक अलग माहौल तैयार कर उसका भरपूर लाभ लोकसभा चुनाव में लिया जा सके।
बीजेपी धारा 370 हटाए जाने और राम मंदिर बनाए जाने के दोनों मुद्दों को उठाकर जनता के बीच जायेगी और अपने प्रचार में खासतौर पर यह बोलेगी कि हमने वादे पूरे कर दिए हैं। कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी राम मंदिर के सहारे सियासी लाभ लेने के लिए तैयार है।